खेती के प्रोत्साहन को ओम रिद्धि सिद्धि गणेशोत्सव समिति का प्रयास
रायपुर, (mediasaheb.com) । किसान को धरती का भगवान माना जाता है क्योंकि वे स्वयं भूखा रहकर लोगों की पेट भरता है। एक ऐसा ही नजारा गुढ़ियारी इलाके के पहाड़ी चौक में दिखाई दिया, जहां भगवान श्रीगणेश छत्तीसगढ़िया किसान की भूमिका में सूपा से धान ओसते नजर आए। वहीं सहयोगी के रूप में बड़े भाई कार्तिकेय भी मौजूद थे । इसके साथ ही श्रीकृष्ण बालरूप में मक्खन खाते और मनमोहक क्रीडा करते दिखे।
ओम रिद्धि सिद्धि गणेशोत्सव समिति के सदस्य रवि यदु ने बातचीत में बताया कि छत्तीसगढ़ में खेती की प्राचीन परम्परा को जीवित रखने का एक छोटा सा प्रयास किया गया है। मौजूदा दौर में छत्तीसगढ़ के युवा खेती-किसानी में रुचि नहीं ले रहे हैं, जो चिंता का विषय है, जिसे देखते हुए समिति ने निर्णय लिया कि इस बार गणेश जी को किसान के रूप में प्रदर्शित किया जाए, जिससे लोग प्रेरणा लेकर खेती की ओर अग्रसर हो सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। हालांकि आज किसान परम्परागत खेती को छोड़कर आधुनिक पद्धति से खेती कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि, गणेश जी की मूर्तियां पूरी तरह से इकोफ्रेंडली है, जो मिट्टी से बनी है। प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियां पर्यावरण को प्रदूषित करती है।
रवि यदु ने छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं किसान पुत्र हैं। किसानों के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय उन्होंने लिए हैं, जिससे किसानों का मान बढ़ा है। प्रदेश की कला और संस्कृति को एक नई पहचान मिली है। पशुधन और जलसंरक्षण को बढ़ावा देने वाली योजना नरवा, गरवा और घुरूवा बारी से किसान जागरूक और आत्मनिर्भर हो रहे हैं। (हि.स.)