रायपुर, (mediasaheb.com) । छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में शुक्रवार को विपक्ष ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला उठाया। सदन में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने 57 अधिकारी-कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र की जांच की, जिसमें 6 प्रकरण में प्रमाण पत्र फर्जी करार दिया गया। मामले की जानकारी लिखकर देने पर परीक्षण करवाने की बात कही गयी ।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की जांच का मामला उठाते हुए पूछा कि उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने 25 जून 2019 तक मंत्रालयीन सेवा के कितने अधिकारी-कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र की जांच की, कितने प्रकरण में प्रमाण पत्र फर्जी करार दिए गए और उन अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाई की गई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने 57 अधिकारी-कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र की जांच की, जिसमें 6 प्रकरण में प्रमाण पत्र फर्जी करार दिया गया। प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर पदोन्नति नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव, संचालक शिक्षा, विशेषज्ञ, संचालक भू-अभिलेख इस समिति के सदस्य हैं। यदि आपके पास ऐसा कोई मामला है कि समिति के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर के बगैर आदेश जारी हुआ है तो लिखकर दे दें, हम परीक्षण करा लेंगे।
सदन में कांग्रेस विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण इतना है कि इंसान तो इंसान मछलियों के पेट से भी कालिख निकल रही है। पर्यावरण मंत्री मो.अकबर ने कहा कि दिसम्बर 2017 से मई 2019 तक छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को चार शिकायतें मिली हैं। वहीं, विपक्ष के प्रश्नकाल के एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वीकार किया पीएमजीएसवाई के तहत बनी सड़कें खदानों में चलने वाली गाड़ियों की वजह से खराब हो रही हैं । इसका रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। इसके लिए वे केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे। (हि.स.)


