पुनरीक्षण कार्य में लगे अधिकारियों के स्थानांतरण पर रहेगी रोक,
भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को भेजा पत्र
रायपुर(media saheb) लोकसभा निर्वाचन-2019 के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण का कार्य 22 फरवरी तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान अधिक से अधिक युवा मतदाता का नाम मतदाता सूची में जोड़े जाने का आग्रह किया है। आयोग द्वारा पुनरीक्षण के दौरान दिव्यांग, लापता मतदाता तथा उपेक्षित समूहों को भी मतदाता सूची में जोड़े जाने तथा पुनरीक्षित सूची को त्रुटिरहित तैयार करने पर बल दिया जा रहा है। देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में यह भी आग्रह किया गया है कि मतदाता पुनरीक्षण के दौरान इस कार्य में संलग्न किसी भी अधिकारी का स्थानांतरण न किया जाए। साथ ही यह भी अपेक्षा की गई है कि इस कार्य के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात किए जाए।
आयोग ने अपने पत्र में कहा कि विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगे जिला निर्वाचन अधिकारी, उप निर्वाचन अधिकारी, जिला मतदाता पंजीकरण अधिकारी, मतदाता पंजीकरण अधिकारी तथा सहायक मतदाता पंजीकरण अधिकारी सहित बूथ स्तर के अधिकारी की भूमिका अहम होती है, ऐसे में किसी भी स्तर पर स्थानांतरण से निर्वाचन कार्य पर प्रतिकूल असर होता है। आयोग ने कहा है कि किसी भी विशेष परिस्थिति में किए गए इन अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना की जानकारी तत्काल आयोग को दी जाए।
उल्लेखनीय है कि विशेष मतदाता पुनरीक्षण के अंतर्गत मतदाता सूची में नाम जुड़वाने तथा विलोपित करने के लिए 26 दिसंबर 2018 से 25 जनवरी 2019 तक समय निर्धारित किया गया था। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य उपरांत मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 22 फरवरी 2019 को किया जाएगा। इस अवधि में मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों का भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है।