लॉस एंजेल्स, (media saheb) बीजिंग में अमेरिका और चीन के बीच तीन दिवसीय व्यापार वार्ता ख़त्म होने के बावजूद इसके परिणामों को ले कर असमंजस बना हुआ है। अभी तक चीन और अमेरिका, दोनों ही ओर से वार्ता के परिणामों पर कोई बयान जारी नहीं किया जा सका है। ब्यूनस आयर्स में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी जिन पंग ने शिखर वार्ता के दौरान तय किया था कि दोनों देशों के बीच सीमा शुल्क संबंधी मुद्दों को अगले नब्बे दिन में सुलझा लिया जाएगा। इसके लिए एक मार्च तक की समय सीमा निर्धारित की गई थी।
चीन के व्यापार मंत्रालय ने गुरुवार की सुबह मात्र इतना कहा है कि वे अमेरिकी प्रतिनिधियों से भविष्य में भी निकट का सम्पर्क बनाए रखेंगे। इस बयान के बाद यूरोप, एशिया और अमेरिकी निवेशकों को भारी निराशा हुई है। इस वार्ता के विचारणीय पहलुओं में यह तय किया जाना था कि क्या चीन अमेरिका से कृषि खाद्य उत्पादों, ऊर्जा और मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों की अतिरिक्त ख़रीद करेगा अथवा नहीं? इनके अलावा अन्यान्य मुद्दों में अमेरिका को चीन से साइबर चोरी, कापी राइट और टेक नीतियों में सफ़ाई चाहिए थी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने आशा व्यक्त की थी कि दोनों देश मिल कर सीमा शुल्क के कारण अमेरिकी अन्तरराष्ट्रीय व्यापार घाटे की समस्या पर कोई फ़ैसला नहीं कर पाते हैं तो वह एक मार्च से चीनी उत्पादों पर सीमा शुल्क में दस की बजाय 25 प्रतिशत की वृद्धि कर देने पर विवश होंगे। इससे चीन की आर्थिक विकास दर नीचे आ रही है, जबकि अमेरिका को भी व्यापार जगत में अपने मित्र देशों का साथ छोड़ने पर विवश होना पड़ रहा है। हाल ही में बीजिंग गए अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल ने दो दिवसीय वार्ता में अपेक्षित संभावनाओं की तलाश में एक दिन और बढ़ाए जाने की स्वीकृति दी थी। तब व्यापार जगत को ऐसा लगा था कि इस वार्ता के अनुकूल परिणाम सामने आ रहे हैं। (हि.स.)।