चंडीगढ़(media saheb) पंजाब व हरियाणा की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की लोकसभा सीट ‘हाट सीट’ बनती जा रही है। इस सीट पर कांग्रेस से टिकट लेने को बड़ी हस्तियों में दौड़ लग रही है। पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री पवन बंसल खुद के लिए, पंजाब के मंत्री नवजोत सिद्धू अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के लिए और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने खुद के लिए चंडीगढ़ से दावा ठोक दिया है। कांग्रेस में इस दौड़ की वजह एक मिथ भी है कि एक अवधि छोड़ कर यहां से कांग्रेस का प्रत्याशी ही चुनाव जीतता रहा है। अतीत में भी चंडीगढ़ से कांग्रेस टिकट के लिए दावेदार तो आते रहे हैं ,परन्तु बड़े कद वाले लोगों की दौड़ नहीं रही।
चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर अब तक 1967 से हुए 13 लोकसभा चुनावों पर नजर डाली जाए तो 1980 व 1984 की दो अवधियों में लगातार कांग्रेस का ही उमीदवार जीता। शेष अवधियों में एक बार कांग्रेस और एक बार भारतीय जन संघ , जनता पार्टी, जनता दल व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रत्याशी जीतता रहा है। वर्तमान में यहां से भाजपा की किरण खेर लोकसभा सदस्य हैं। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने लोकसभा चुनावों के लिए आवेदन मांगे हैं। एक दिन पूर्व ही पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना औपचारिक आवेदन चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपा है।
तिवारी वर्ष 2009 में पंजाब के लुधियाना सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे और मनमोहन सरकार में मंत्री भी बने थे। लेकिन वर्ष 2014 में भाजपा की लहर में वे बीमारी के आधार पर लुधियाना से लोकसभा चुनाव लड़ने से पीछे हट गए और उन्होंने चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा भी प्रकट की थी। हालांकि लुधियाना से वर्ष 2014 में कांग्रेस के ही रवनीत बिट्टू ने लोकसभा चुनाव जीता। जाहिर है, तिवारी की लुधियाना से दावेदारी अब फीकी पड़ चुकी है।
25 जनवरी को पंजाब से ही मंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी चंडीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समक्ष अपना औपचारिक दावा दाखिल किया। जानकर सूत्र बताते हैं कि पंजाब में कांग्रेस द्वारा मंत्री नवजोत सिद्धू को अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़वाने की योजनाएं बन रही है। सिद्धू अमृतसर लोक सभा से तीन बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।
पंजाब सरकार में सिद्धू और अधिकतर मंत्रियों, मुख्यमंत्री के मध्य छतीस का आंकड़ा है। सिद्धू को पंजाब की राजनीति से केंद्र की राजनीति में भेजने की योजनाएं बन रही हैं। सिद्धू इससे भाग रहे हैं| नवजोत कौर सिद्धू का चंडीगढ़ से दावा सिद्धू की उस योजना का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमे अगर टिकट मिले तो उनकी पत्नी को, नहीं तो पति-पत्नी में किसी को नहीं। अपना आवेदन करने आई नवजोत कौर सिद्धू ने काफी हद तक इस बात को साफ भी किया कि पंजाब में कांग्रेस सरकार में काफी गुटबाजी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल भी चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट के दावेदार हैं। वे दो बार, 1991 और 2004 में चंडीगढ़ से कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीत चुके हैं और मनमोहन सरकार में रेल मंत्री रहे हैं। टिकट लेने के लिए वे हर दांव-पेंच खेलने की तैयारी में हैं। वे चंडीगढ़ के ही निवासी हैं|
माना जा रहा है कि चंडीगढ़ से बाहर के लोगों का दावा कमजोर करने के लिए चंडीगढ़ से एक -दो लोग और भी चंडीगढ़ सीट के लिए कांग्रेस के पास अपना दावा पेश कर सकते हैं। चंडीगढ़ में अभी से ये चर्चाएं होने लगी हैं कि पंजाब के लोग चंडीगढ़ में कब्जा करने की तैयारी में हैं। चुनावों में किस्मत आजमाने से पहले कांग्रेस टिकट के दावेदार पहले अपनी किस्मत अपनी पार्टी में ही आजमा रहे हैं।उधर, आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ लोकसभा के लिए हरमोहन धवन को अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। धवन 1989 के लोकसभा चुनावों में चंडीगढ़ से जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते थे। (हि.स.)