नई दिल्ली, (mediasaheb.com) । कोरोना वायरस की महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था #Global Economy मंदी की ओर बढ़ रही है, जिससे विकासशील देशों की मदद के लिए बड़े पैमाने पर वित्त पोषण की जरूरत होगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (#International Monetary Fund) की प्रमुख किस्टलीना जॉर्जीवा ने शुक्रवार देर रात को ऑनलाइन बातचीत करते हुए संवाददाताओं को बताया कि यह साफ है कि हम मंदी में प्रवेश कर रहे हैं। किस्टलीना ने कहा कि मौजूदा स्थिति साल 2009 में वैश्विक वित्तीय संकट #Financial Crisis से ज्यादा खराब है।
जॉर्जीवा ने कहा कि दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां अचानक से ठप हो जाने की वजह से उभरते बाजारों को 2,500 अरब डॉलर के वित्त पोषण की जरूरत होगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हमारा मानना है कि यह आंकड़ा कम है। गौरतलब है कि दुनियाभर के 80 से भी ज्यादा देशों ने मुद्राकोष से आपात सहायता का आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस अब तक दुनिया के 175 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के 529614 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 121454 लोग रीकवर कर चुके हैं। इसके साथ ही एक्टिव केस 384446 है, जबकि कोरोना के कारण मौत का आंकड़ा 23714 हो गया है। इसके अलावा भारत में 830 मामले सामने आए हैं, जबकि 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक्टिव केस 640 है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना से निपटने के लिए वित्त मंत्री सीतारमण ने 1.7 लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने भी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की है। इसके साथ ही सीआरआर को भी 4 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया गया है। (हि.स.)