9 हजार 561 करोड़ का बजट प्रावधान
रायपुर,(media saheb.com) गृह और लोक निर्माण तथा संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2019-20 की अनुदान मांगे गुरूवार को विधानसभा में चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दी गई। इन सभी विभागों के लिए नौ हजार 560 करोड़ 69 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। इनमें गृह तथा जेल विभाग के लिए चार हजार 747 करोड़ 31 लाख रूपए, लोक निर्माण विभाग के लिए चार हजार 699 करोड़ रूपए और संस्कृति, पर्यटन तथा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के लिए 114 करोड़ 38 लाख रूपए की धन राशि शामिल हैं।
लोक निर्माण विभाग
लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस बजट से ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ से प्रेरित हमारी सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति और बजट के ठोस प्रावधानों से छत्तीसगढ़ में प्रगति तथा खुशहाली का एक नया अध्याय आरंभ होगा। इसमें गांव तथा गरीब को विशेष प्राथमिकता देने सहित प्रदेश के दूर-दराज तथा वनांचल तक आवागमन की सुगम सुविधा के जरिए विकास करने का अहम लक्ष्य समाहित है। साहू ने बताया कि बजट में सड़क तथा पुल निर्माण कार्य के लिए एक हजार 454 करोड़ 85 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत 212 करोड़ के 43 पुलों के निर्माण के लिए 53 करोड़ रूपए का प्रावधान है।
राज्य में सड़कों के निर्माण के अंतर्गत 59 किलोमीटर लम्बाई के छह राज्य मार्गोें के निर्माण तथा उन्नयन के लिए 14 करोड़ 50 लाख रूपए और मूलभूत न्यूनतम सेवा के अंतर्गत 73 किलोमीटर लम्बाई के 19 ग्रामीण मार्गों के निर्माण तथा उन्नयन के लिए 11 करोड़ रूपए का प्रावधान है। इसी तरह 291 किलोमीटर लम्बाई के 25 मुख्य जिला सड़कों के निर्माण तथा उन्नयन के लिए 40 करोड़ 97 लाख रूपए और न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम के अंतर्गत ही 385 किलोमीटर लम्बाई के 103 ग्रामीण मार्गों के निर्माण तथा उन्नयन के लिए 83 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 147 किलोमीटर लम्बाई के शहरी क्षेत्र के 41 मार्गों के निर्माण तथा उन्नयन के लिए 29 करोड़ रूपए का प्रावधान हैं। एडीबी सहायित ऋण परियोजना लोन-3 के अंतर्गत तीन हजार 536 करोड़ के 25 सड़कों के लिए वर्ष 2019-20 के बजट में 250 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह एक रेल्वे ओव्हर ब्रिज और एक रेल्वे अण्डर ब्रिज के निर्माण के लिए चार करोड़ 72 लाख रूपए का प्रावधान है।
बजट में भवनों के निर्माण के लिए 668 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके तहत उच्च न्यायालय बोदरी में सात नग कोर्ट रूम, द्वारका – नई दिल्ली में नवीन छत्तीसगढ़ भवन निर्माण और छह जिला पंजीयन एवं उप पंजीयन संयुक्त कार्यालय भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा बिलासपुर में एक हजार 500 बंदी क्षमता वाली विशेष जेल के निर्माण के लिए 35 करोड़, बेमेतरा में 200 बंदी क्षमता वाली खुली जेल के निर्माण के लिए 25 करोड़ और रायपुर में विशेष जेल के निर्माण के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रस्ताव है। इस वर्ष उक्त तीनों कार्यों के लिए 15 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह 55 हाई स्कूल भवनों के निर्माण और 30 हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनों के निर्माण के लिए 16 करोड़ 70 लाख रूपए का प्रावधान है। इसके अलावा बालोद में कन्या महाविद्यालय भवन के निर्माण के लिए दो करोड़ रूपए और जिला चिकित्सालय गरियाबंद में 100 बिस्तर अस्पताल के नवीन भवन के निर्माण के एक करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इस बजट में नौ उप स्वास्थ्य केन्द्रों, पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और दो समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों के निर्माण के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है।
गृह एवं जेल विभाग
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों सहित सभी लोगों की सुरक्षा, पुलिस अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार और यातायात प्रबंधन आदि कार्य क्षेत्रों में बेहतर व्यवस्था के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने बताया कि बजट में पुलिस कल्याण के लिए शासकीय अनुदान में वृद्धि की गई है। प्रदेश में चार नया थाना तथा एक चौकी का थाने में उन्नयन के लिए कुल 325 पदों का प्रावधान बजट में किया गया। इसके तहत नारायणपुर जिले में खोले गए सोनपुर तथा कोहकामेटा सुरक्षा कैम्प की जगह अब थाना स्वीकृत किया गया है। दुर्ग जिले के जामगांव (आर) तथा रायगढ़ जिले के केडार में नया थाना खोलने और बस्तर के पुलिस चौकी को थाना में उन्नयन करने का निर्णय लिया गया है।
जिला पुलिस बल के आरक्षक से प्रधान आरक्षक तक को एक हजार रूपए प्रति माह और सहायक पुलिस निरीक्षक से निरीक्षक स्तर तक के अधिकारियों को एक हजार 200 रूपए प्रति माह रिस्पॉन्स भत्ता देने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए संसाधन बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण का निर्माण करने 22 जिलों में एक विशिष्ट महिला अपराध अनुसंधान गठित करने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक जिले में 15 पुलिस अधिकारियों की यह इकाई महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों की विवेचना करेगी। सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश के 11 गरियाबंद, बालोद, मुंगेली, कोरिया, जशपुर, कोण्डागांव, कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर तथा नारायणपुर जिलों में सड़क सुरक्षा कोष के गठन सहित बजट में 200 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान रखा गया है।
इसके अलावा तीन बड़े जिले रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के 17 शहरी थानों में पृथक अनुसंधान इकाई गठित करने के लिए 450 अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक जिले में सायबर थाने को विकसित करने के लिए 192 पदों के सृजन का प्रावधान रखा गया है। साहू ने बताया कि प्रदेश में पांच केन्द्रीय, 12 जिला तथा 16 उप जेल सहित कुल 33 जेले हैं और इनकी अधिकृत बंदी आवास क्षमता 12 हजार 63 है। जेलों की बंदी आवास क्षमता में वृद्धि के लिए रायपुर में विशेष जेल तथा बिलासपुर में एक हजार 500 बंदी क्षमता वाली विशेष जेल तथा बेमेतरा में 200 बंदी क्षमता वाले खुली जेल के निर्माण का प्रावधान है।
लोक निर्माण और संस्कृति मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार कृत संकल्पित है। यहां विभिन्न धार्मिक अवसरों और पर्वों पर लगाए जाने वाले मेले तथा धार्मिक महत्व के स्थानों का चिन्हांकन कर उनके विकास के लिए हर संभव पहल की जाएगी।