गांधीनगर, (mediasaheb.com) मुख्यमंत्री विजयभाई रूपानी की अध्यक्षता में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र गांधीनगर में गुरुवार शाम को आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में, राज्य के सौराष्ट्र-कच्छ के 10 जिलों में संभवित ‘वायु’ तूफान की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई।समीक्षा बैठक के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा कि, गुजरात पर ‘वायु’ चक्रवात का संकट भगवान सोमनाथ, द्वारकाधीश-कृष्ण और हरसिद्धि की माँ की कृपा से अब टल गया है। विजयभाई रूपानी ने मामले का विवरण देते हुए कहा कि, राष्ट्रीय मौसम विभाग के बुलेटिन के आधार पर, यह माना जाता है कि इस संभवित ‘वायु’ तूफान जो गुजरात से सीधा टकराने वाला था, वो अब समुद्र में ओमान की ओर मूड़ गया है। हालांकि, गुजरात में 24 घंटे के लिए, सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
उपमुख्यमंत्री नितिनभाई पटेल और राजस्व मंत्री कौशिकभाई पटेल सहित संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों की बैठक के विषय में मीडिया को अधिक जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, सौराष्ट्र-कच्छ के 10 जिलों में सुरक्षा और सावधानियों के लिए पूरी व्यवस्था कल शुक्रवार सुबह 8:00 बजे तक रहेगी। जिन 2.75 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया है, उन्हें आज भी उस सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा और शुक्रवार सुबह उच्च स्तरीय बैठक की समीक्षा करने के बाद, राज्य सरकार उचित निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि, भले ही संभवित ‘वायु’ तूफान ने करवट ली हो, भले ही भारी वर्षा हो, जिला अधिकारियों को वर्तमान सुरक्षा और सुरक्षित स्थिति को बनाए रखने के लिए सतर्क रहने का आदेश दिया गया है।
जिलों में प्रशासन के मार्गदर्शन के लिए गए मंत्रियों और सचिवों एवं पदाधिकारी भी कल तक वहीं रहेंगे, इन जिलों में स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी कल तक अपरिवर्तित रही है। विजयभाई रूपानी ने कहा कि, मौसम विभाग के साथ निरंतर एकीकरण और उनसे प्राप्त अपडेट के कारण, राज्य सरकार ने हर दो घंटे में इस संभवित ‘वायु’ तूफान की स्थिति पर गहन निगरानी की है। हमने राज्य के लोगों, स्वैच्छिक संगठनों, सरकारी कर्मचारियों और मीडिया के सहयोग को, इस प्राकृतिक आपदा के खतरों के खिलाफ, बिना किसी नुकसान या सामग्री के किसी भी नुकसान के पार उतरने के लिए धन्यवाद दिया।मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के गांवों में सुरक्षा कारणों से बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई थी, अब इसे फिर से बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब भी द्वारका, पोरबंदर, गिरसोमनाथ और अमरेली इन चार जिलों में जिला मशीनरी सावधानी बरत रही हैं। (हि.स.)