गरियाबंद (mediasaheb.com) राज्य के गांवों की पहचान बन चुके गौठानों के विकास के लिए राज्य सरकार नित-नये प्रयास कर रही है। परंपरागत गौठानों को आदर्श गौठान बनाकर इसे पुनर्जीवित करते हुए रोजगार से जोड़ा जा रहा है। गौठान अब आजीविका के नये केन्द्र के रूप में ऊभर रहा है। एक तरफ ये गौठान गांव की नई पहचान बनी है, वहीं दूसरी ओर कई पीढ़ी से चरवाहा के रूप में अपनी सेवा दे रहे चरवाहों को भी एक नया पहचान मिली है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा स्वतंत्रता दिवस को किये गये घोषणा के अनुरूप गौठान समिति को हर माह दस हजार रूपये की सहायता दी जायेगी। इससे चरवाहों के साथ ग्रामीण समिति के सदस्य भी उत्साहित है। ग्राम पारागांव के चरवाहा प्रेमलाल और मुकुंदा यादव ने बताया कि ‘‘हमर राज्य के मुखिया हमन ला एक नवा पहचान दिस‘‘।
हमर जीये के ठौर गौठान में पानी, चारा, छाव के व्यवस्था करीस हे, अउ समिति ल हर महिना राशि दे के घोषणा करे हे’’। वहीं ग्राम सढ़ौली के चरवाहा शिवचरण यादव और श्रवण कुमार ने भी खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है। इनका कहना है कि हमने कभी नहीं सोचा था कि सरकार हमारे लिए इतना सोचती है।
‘‘छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री हमर दुख दरद ला जानिस‘‘ गौठान समिति पारागांव के सदस्य नेम सिन्हा व रामसिंह ने भी मुख्यमंत्री के इस घोषणा का स्वागत किया है। गौठान समिति के अलावा गांव के अन्य वर्ग भी खुश नजर आ रहे है। गांव के युवा धनंजय नेताम ने बताया कि तीन एकड़ क्षेत्र में एक सुविधायुक्त और सुरक्षित गौठान बनने से हमारा 500 एकड़ का क्षेत्र सुरक्षित हो गया है। चूंकि नये गौठान बनने से अब मवेशी इधर-उधर न जाकर गौठान में ही रहते हैं, इसलिए अब चराई की समस्या दूर होने लगी है।

