भिलाई (mediasaheb.com
) देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए
विशेष स्टील प्लेट तैयार कर भिलाई इस्पात संयंत्र ने अंतरिक्ष में एक और कदम
बढ़ाने के साथ ही इस महत्वाकांक्षी योजना के साथ अपना नाम जोड़ लिया है।
दो वर्ष बाद अंतरिक्षयात्रियों को लेकन गगनयान जब उड़ान भरेगा
तो उसमें इस संयंत्र द्वारा तैयार की गयी अत्यंत मजबूत और उच्चकोटि की स्टील प्लेट
लगी होंगी जिनमें उच्च तापमान सहन करने की क्षमता है। इन प्लेट को संयंत्र के
अनुभवी कर्मचारियों तथा रक्षा क्षेत्र के उपक्रम मिश्र धातु निगम और विक्रम
साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञों की देखरेख में तैयार किया गया है।
स्टील अथाॅरिटी आॅफ इंडिया (सेल) के निदेशक (परियोजना) और
संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनिर्बान दासगुप्ता ने बताया कि गगनयान में
इस्तेमाल की जाने वाली इन प्लेट की पहली खेप भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि
संयंत्र के अनुभवी कर्मचारियों ने इस चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया
। कड़े परीक्षणों पर खरी उतरी इन प्लेट की रोलिंग करते समय उच्च मानदंडों का पालन
किया गया। इनका इस्तेमाल गगनयान के इंजनों के बाहरी आवरण में किया जायेगा।
छह दशक पूर्व स्थापित सेल का भिलाई संयंत्र का अंतरिक्ष मिशन
से पुराना नाता है और यहां तैयार की गयीं उच्च स्तर की स्टील प्लेट का पीएसएलवी और
जीएसएलवी प्रक्षेपणयानों में इस्तेमाल किया जा चुका है। संयंत्र की प्लेट मिल में
इस तरह की अत्यंत मजबूत और उच्च तापमान सहने वाली प्लेट की पहली रोलिंग 2009 में हुयी थी। इसके बाद से प्लेट मिल ने रक्षा और अंतरिक्ष
क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किये है। इस मिल काे एक बड़ी सफलता जनवरी 2018 में हासिल हुई जब मिश्र धातु निगम की देखरेख में इसमें एमडीएम
250 ग्रेड की प्लेट की रोलिंग की गयी।
उसी वर्ष मिल ने निगम के 42 टन स्लैब
कोे 9.3 मिलीमीटर मोटी प्लेट में ढाल कर एक बड़ी
कामयाबी हासिल की। अत्यंत मजबूत और उच्च तापमान सहन करने की क्षमता वाली इन प्लेट
का अंतरिक्षयानों के इंजन के बाहरी आवरण में इस्तेमाल किया जाता है।
श्री दासगुप्ता ने कहा कि इन स्लैब को उच्च तापमान में गर्म
करने और उन्हें प्लेट में ढालने के समय विशेष सावधानी और उच्च मानदंडों का पालन
करना होता है। उन्होंने कहा कि हमारी योजना इस तरह की प्लेट की नियमित रूप से
रोलिंग करने की है जिससे हम देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने
में सफल हाें।(वार्ता)
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