जशपुर जिले के गिनाबहार गांव की पहली डॉक्टर बनेगी पुष्पलता कुजूर
भिलाई(mediasaheb.com) जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक के छोटे से गांव गिनाबहार को कोरोना महामारी के बीच अपना पहला डॉक्टर मिल गया गांव की बेटी पुष्पलता कुजूर ने नीट क्वालिफाई करके आदिवासी अंचल में बेटियों की तरक्की का रास्ता खोल दिया है। साथ ही उन्हें बता दिया है कि मेहनत किसी जगह की मोहताज नहीं होती। गांव का बच्चा लगन से पढ़ाई करके हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ सकता है।
अपने तीसरे प्रयास में नीट क्वालिफाई करने वाली पुष्पलता को बिलासपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिला है। मेडिकल की पढ़ाई के बाद आईएएस ऑफिसर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है। जशपुर की पूर्व कलेक्टर डॉक्टर प्रियंका शुक्ला को अपनी आइडल मानने वाली पुष्पलता ने बताया कि समाज की नब्ज को एक डॉक्टर से बेहतर और कौन समझ सकता है। आईएएस का ओहदा मिलने के बाद इस डिग्री की वैल्यू और भी ज्यादा बढ़ जाएगी।
असफल होने के बाद बना लिया था दूसरे कोर्स में एडमिशन लेने का मन
पुष्पलता ने बताया कि 12 वीं बोर्ड के बाद उसने लगातार दो साल ड्राप लेकर नीट की तैयारी की। पहले ड्रॉप इयर में महज कुछ नंबरों से वो नीट क्वालिफाई करने से चूक गई थी। ऐसे में घोर निराशा के बीच पढ़ाई छोडऩे का मन बना लिया था। तब बड़े भाई ने कहा कि नैवर गिव अप। जब तक सक्सेस नहीं होती ये बात अपने दिमाग में बैठाकर रख लो। तीसरी बार कोशिश करो, जरूर सक्सेस मिलेगा। भाई की बातों से प्रेरणा लेकर मैंने तीसरी बार कोरोनाकाल में एग्जाम दिया। अंतत: तीसरे प्रयास में सफलता हाथ लगी। जब भी हताश होती थी दीवार पर लिखा नैवर गिव अप, देखकर खुद को और भी ज्यादा परिश्रम करने के लिए मोटिवेट करती थी।
सारे दोस्तों का हो गया था सलेक्शन तब सचदेवा के टीचर्स ने बढ़ाया हौसला
पहले ड्रॉप इयर में कोचिंग के लिए सचदेवा कॉलेज भिलाई में एडमिशन लिया। शुरूआत में सीजी बोर्ड और हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ाई करने के कारण बहुत दिक्कत होती थी। धीरे धीरे टीचर्स ने सब्जेक्ट का डाउट क्लीयर करना शुरू की। कुछ महीने बाद मैं बिना झिझक के टीचर्स से क्लासरूम में सवाल पूछती थी। फिजिक्स कमजोर था तो सचदेवा के टीचर्स ने फिजिक्स में काफी ध्यान दिया। जब पहले साल सारे दोस्तों का सलेक्शन हो गया और मैं फेल हो गई तब डिप्रेशन में चली गई थी। ऐसे में टीचर्स ने कहा कि तुम तीसरे अटेम्ट में जरूर अच्छा करोगी। उनकी बात मानकर मैंने दूसरे साल भी सचेदवा में ही एडमिशन लिया।
सारे प्राब्लम भूल जाते थे जैन सर की क्लास में
पुष्पलता ने बताया कि जब चिरंजीव जैन सर काउंसलिंग क्लास लेते थे तब हम उनकी बातें सुनकर सारे प्राब्लम भूल जाते थी। कई तरह की प्रेरक कहानियां और लाइफ स्टाइल की बातें बताकर वो हमें पॉजिटिव एनर्जी से भर देते थे। एक दिन उन्होंने अपने एक्स स्टूडेंट की कहानी सुनाई। कैसे लगातार कई प्रयास में असफल होकर भी आज वो देश का जाना माना डॉक्टर बन गया। तब मैंने भी अपनी हार्ड वर्क पर भरोसा करना शुरू किया। बचपन के सपने को हर दिन जीने लगी। कई कोशिशों के बाद आखिरकार सफलता का स्वाद चख ही लिया। अब मेरे गांव में जब लोग मुझे अभी से डॉक्टर पुष्पलता कहते हैं तो अंदर से मन प्रफुल्लित हो जाता है। इस साल जो बच्चे नीट की तैयारी कर रहे हैं उनसे यही कहना चाहूंगी कि जीवन में कोशिश करना मत छोडि़ए हो सकता है आपकी सफलता में कुछ वक्त लगे, लेकिन आप सफल जरूर होंगे।(the states. news)