प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी
इस मामले पर अगली सुनवाई अब 4 मार्च को होगी
नई दिल्ली, (mediasaheb.com) । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के बयान के मामले में सुनवाई टाल दी है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 4 मार्च को होगी। कोर्ट ने शशि थरूर के उपस्थित नहीं होने पर उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।
आज इस मामले में शशि थरुर के खिलाफ नोटिस फ्रेम किया जाना था, लेकिन मामले के आरोपी शशि थरुर के उपस्थित नहीं होने की वजह से कोर्ट ने सुनवाई टाल दिया। शशि थरुर ने आज अपने वकील के जरिये कोर्ट से अपनी पेशी से छूट की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने 4 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया।
25 जुलाई 2019 को शशि थरूर कोर्ट में पेश हुए थे और कोर्ट से कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। शशि थरूर ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें जो समन भेजा गया है वो गलत है । 7 जून 2019 को कोर्ट ने शशि थरुर को जमानत दी थी। कोर्ट ने 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। 27 अप्रैल 2019 को कोर्ट ने शशि थरुर को बतौर आरोपी समन जारी किया था। कोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था।
BJP नेता राजीव बब्बर ने याचिका दायर किया है। राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से। याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। राजीव बब्बर ने कहा है कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है।
याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है। आपको बता दें कि शशि थरूर ने बैंगलोर में लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि आरएसएस के एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि PM नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर चढ़े बिच्छू की तरह हैं जिन्हें न हाथ लगाया जा सकता है और न चप्पल। (हि.स.)