मुंबई (mediasaheb.com) | कॉनफेडरेशन ऑफ आॅल इंड़िया ट्रेडर्स ( CAIT) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंह देव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज PM नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस के कारण भारत के व्यापार और लघु उद्योग और आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव की ओर उनका ध्यान आकृष्ट करते हुए एक मंत्रियों के समूह के गठन का आग्रह किया है जो इस स्थिती पर पैनी नजर रखते हुए कोरोना वायरस के कारण देश के व्यापार एवं लघु उद्योग तथा आपूर्ति श्रंखला को सुचारु रूप से चलाये रखने पर अपना ध्यान केंद्रित करे।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है की पिछले एक दशक से अधिक समय के दौरान, चीन ने भारत के व्यापार और लघु उद्योग में गहरी जड़ें जमाई हैं जिसके चलते तैयार माल की आपूर्ति करके या छोटे उद्योगों द्वारा आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति करके या बड़ी मात्रा में विभिन्न वस्तुओं के लिए स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति करके जो असेम्ब्लिंग इकाइयों द्वारा सामान बनाने में काम आते हैं का बड़े पैमाने पर आयात चीन से भारत में हो रहा है । प्रति वर्ष चीन से बड़े पैमाने पर आयात के आंकड़े इस बात की समुचित पुष्टि करते हैं। दुर्भाग्य से, चीन से आयात आसान और सस्ता होने के कारण इस दौरान भारतीय आयातकों ने विश्व में किसी भी अन्य देश में पर्याप्त वैकल्पिक स्रोत नहीं खोजे ।
श्री पारवानी ने कहा कि ऐसे समय में जब व्यापार और उद्योग चीन में बंद हो गए हैं एवं सभी निर्यात भी पूरी तरह से बंद हैं इससे हमारे देश की आपूर्ति श्रृंखला में पर्याप्त व्यवधान हो सकता है। इस संदर्भ में कैट ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से अनुरोध किया है की वे एक मंत्रियों के समूह गठन करें जो निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए सभी पहलुओं पर गौर कर सके और उत्पादन क्षमता के तत्काल विस्तार के लिए आवश्यक सुविधाएँ देने का आकलन कर सके तथा लागु उद्योगों की प्रोडक्शन क्षमता को किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है, उस पर गम्भीरतापूर्वक विचार करे।
कैट ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से यह भी कहा है की भारत की तरह, दुनिया के अन्य देश बड़ी संख्या माल की आपूर्ति के लिए चीन पर निर्भर है। इस संदर्भ में कैट ने सुझाव दिया है कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में उत्पादन सुविधाओं को स्थापित करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करके विश्व में भारत को चीन का वैकल्पिक बनाने की संभावनाओं पर विचार करते हुए आवश्यक कदम उठाये जाएँ।
श्री पारवानी ने कहा है की मंत्रियों के समूह को इस बात की जाँच करनी चाहिए कि क्या चीन से सामानों का आयात या अन्य देशों के चीनी सामानों के आयात से भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य को कोई खतरा है और यदि ऐसा है, तो उपचारात्मक कदम होना चाहिए। ई कॉमर्स सहित किसी भी तरह से भारत में इस तरह के आयात की कोई प्रविष्टि न हो, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। भारतीय व्यापारियों और छोटे उद्योगों को अपनी उत्पादन क्षमता को मजबूत करने के लिए एक पैकेज प्रदान करने के लिए तत्काल कदमों की आवश्यकता है ताकि आपूर्ति श्रृंखला का प्रवाह न रुके। दीर्घकालिक उपायों के तहत सरकार को यह सुनिश्चित करने के तरीकों और साधनों पर भी ध्यान देना चाहिए कि किसी भी देश पर बड़ी मात्रा में आयात की निर्भरता नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था को अपंग कर देगा। कैट ने इस मुद्दे पर देश भर के 7 करोड़ व्यापारियों एवं प्रदेश के 6 लाख व्यापारियों को सहयोग का आश्वासन दिया है ।