(mediasaheb.com)कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) (#Cait )के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि आज कैट के प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधी मंड़ल माननीय मंत्री से मुलाकात कर आगामी होने वाले जीएसटी कॉउसिंल के 38वी बैठक हेतु कैट सी.जी. चैप्टर ने अपने सुझाव दिये ।
श्री पारवानी ने बताया कि जीएसटी (#GST )सम्पूर्ण भारत में 01 जुलाई 2017 से लागु किया गया। जैसा कि आपको विदित है कि जीएसटी लगभग 10 वर्षो कि परिचर्चा एवं तैयारी के उपरांत लागू किया गया था, परन्तु जीएसटी लागू होने के प्रथम दो वर्षो में जीएसटी के प्रावधानों में खामियों एवं अन्य व्यवहारिक समस्याओ को दूर करने हेतु लगभग 500 से अधिक अधिसूचनाएं, सर्कुलर एवं आदेश जारी किये गए है। जीएसटी में अभी भी बहुत से सुधार की आवश्यकता है। जीएसटी का क्रियान्वयन भारत की कर प्रणाली में एक बहुत बड़ा परिवर्तन था एवं इसमे उपरोक्तानुसार निरंतर परिवर्तन किये गए, जिससे व्यावसायियो को इसे समझने एवं अपने सॉफ्टवेयर एवं व्यवसाय प्रणाली में परिवर्तन करने में कठिनाई एवं समस्याएं हुई। उपरोक्त स्थिति में त्रुटि होना स्वभाविक है। अतः जीएसटी में प्रथम तीन वर्षो को ट्रांजिट अवधि में रखा जाये तथा इस अवधि में हुई गलतियों को संशोधन करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान किया जाना चाहिए। साथ ही इस अवधि में हुई किसी भी प्रकार की त्रुटि हेतु ब्याज व पेनाल्टी नहीं लगाई जानी चाहिए।
श्री पारवानी ने आगे कहा कि वर्तमान में व्यापारी वर्ग जीएसटी की दरों से जितना परेशान नही है उससे अधिक परेशान जीएसटी में परिवर्तन की दरों (जीएसटी के प्रावधानों में निरंतर हो रहे संशोधनों) से है । अतः यह सुनिश्चित किया जाए कि जीएसटी के प्रावधानों में संशोधन कम हो एवं संशोधन वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से ही लागू हो। साथ ही व्यवसायी वर्ग को किसी भी जीएसटी संशोधन को लागू करने की सुचना कम कम से 3 माह पूर्व प्रदान की जावे ताकि वह अपनी कार्यप्रणाली एवं सॉफ्टवेयर इत्यादि में आवश्यक परिवर्तन कर सके। साथ ही व्यापारी के व्यापार में पूंजीगत वृद्वि हो।
जीएसटी पर कैट का सुझाव जो निम्नानुसार हैः-
इनपुट क्रेडिट का 20 प्रतिशत सम्बधित प्रावधान
जीएसटी वार्षिक विवरण एवं ऑडिट कि अंतिम तिथि में वृद्धि करने हेतु
जीएसटी वार्षिक विवरण में संशोधन करने का अवसर प्रदान करने हेतु
वार्षिक विवरण पत्र के वैकल्पिक करने के प्रावधान में विसंगति के संबंध में
ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु
माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं
त्ब्ड संबधित प्रावधान
जीएसटी का रजिस्ट्रेशन संरेडर करने बाबत्
स्पॉट ऑडिट संबधित प्रावधान
रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएॅ
जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव
व्यवसाय को राहत देने एवं म्ेंम वि क्वपदह हेतु सुझाव
जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव
एक व्यवसाय एक कर
मंत्री ने कैट सी.जी. चैप्टर को आश्वासन दिया कि वह आगामी होने वाले जीएसटी कॉउसिंल के 38वी बैठक में कैट ने सुझाव को रखेगें साथ जीएसटी में संशोधन एवं सरलीकरण किया जाने की मांग करेगें।
माननीय मंत्री जी से मुलाकात में कैट के पदाधिकारी मुख्य रूप उपस्थित रहेः – अमर पारवानी, विक्रम सिंहदेव, जितेन्द्र दोशी, राम मंधान आदि रहे ।