नई दिल्ली, (mediasaheb.com) देश में कोरोना के कुल मामलों में 29.81 फीसदी तबलीगी जमात के लोगों से जुड़े हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकडों के अनुसार कुल 14,378 मामलों में से 4,291 मामले तबलीगी जमात के सदस्यों के पाए गए हैं। मुस्लिम समुदाय और उनके कुछ प्रतिनिधियों द्वारा बार-बार कहा जा रहा है कि यह मुस्लिमों और तब्लीगी जमात को बदनाम करने की साजिश है। पर केन्द्र और राज्य सरकारों की मजबूरी ये है कि सब जगहों पर यही तथ्य प्रबलता से सामने आ रहा है कि निजामुद्दीन के मरकज की घटना के कारण ही देश के 23 राज्यों में कोविड के मामले बढ़े हैं। कुछ राज्यों में मरकज और तब्लीगी जमात से जुड़े मामले 60 % से लेकर 91 % हैं। इनमें तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम और अंडमान और निकोबार शामिल हैं, जहां सबसे ज्यादा तब्लीगी जमात के लोगों में कोरोना पॉजिटिव के मामले मिले हैं।
कोविड-19 मामले में होने वाली नियमित प्रेसवार्ता में शनिवार को एक बार फिर केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले वाले प्रदेशों में तब्लीगी जमात के सदस्यों से जुड़े प्रमुखता से आए हैं। तमिलनाडु में कुल मामलों में से 83 प्रतिशत मामले जमाती से जुड़े हैं। दिल्ली में 63 प्रतिशत कोविड के मामले जमाती से जुड़े हैं। तेलंगाना में 79 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 61 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 59 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 100 प्रतिशत, असम में 91 प्रतिशत, अंडमान और निकोबार में 83 प्रतिशत मामले तब्लीगी जमात से जुड़े हैं। (हि.स.)।