वाराणसी, 27 मई( mediasaheb.com)। लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आभार जताने आये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शहनाई की मंगल धुन और पुष्पवर्षा के बीच शाही अंदाज में स्वागत हुआ। पीएम ने लोगों का आभार जताने के बाद काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके दर्शन किये। चुनाव में नामांकन के दौरान कार्यकर्ताओं से किए वादा निभाने शहर में आये प्रधानमंत्री और अपने सांसद पर लोगों ने प्यार दुलार लुटाने के साथ उन पर गुलाब जमकर पंखुडियां बरसाईं। मोदी-मोदी और भारत माता की जय के गगनभेदी नारे के बीच पुलिस लाइन से काले रंग की रेंज रोवर कार में मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का काफिला आगे बढ़ा तो सड़क के किनारे दोनों तरफ बैरिकेडिंग में कड़ी धूप के बीच, अभिवादन की मुद्रा में खड़े हजारों युवाओं, महिलाओं को देख प्रधानमंत्री अभिभूत हो गए। उन्होंने इसके जबाब में मुस्कराते हुए हाथ हिलाकर तो कभी दोनों हाथ जोड़ कर नागरिकों का अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान पीएम मोदी को देख उत्साहित लोग बैरिकेडिंग में ही भाजपा का ध्वज लहराते रहे।पुलिस लाइन से काशी विश्वनाथ मंदिर के रास्ते में सड़क के किनारे सभी भवनों के ऊपर खड़े होकर लोग प्रधानमंत्री मोदी की एक झलक पाने के लिए बेताब रहे।
पुलिस लाइन से चौकाघाट, तेलियाबाग, लहुराबीर, मैदागिन, बुलानाला,चौक, विश्वनाथ मंदिर तक यही नजारा रहा। पीएम के स्वागत के लिए पूरे रास्ते में स्वागत के होर्डिंग, बैनर और कटआउट लगाये गए थे। चौराहों को फूलों के वन्दनवार से सजाया गया था। पुलिस लाइन से बाबा विश्वनाथ के दरबार तक लोग शहनाई की मंगलध्वनि के बीच प्रधानमंत्री के स्वागत को बेकरार रहे। पुलिस लाइन से लेकर हर चौराहे पर स्कूली बच्चों का स्वागत कालबेलिया नृत्य लोगों में आकर्षण का केन्द्र रहा।
बाबा विश्वनाथ दरबार में पीएम ने टेका मत्था, देवाधिदेव महादेव को 501 श्वेत कमल चढ़ाया। प्रचंड जीत के बाद नागरिकों का आभार जताने आये पीएम ने काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में पूरे आस्था के साथ हाजिरी लगाई। आचमन और शुद्धिकरण के बाद मंदिर के प्रधान अर्चक और 11 वैदिक ब्राम्हणों की अगुवाई में प्रधानमंत्री ने बाबा का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रूद्राभिषेक आरती कर पूजा-अर्चना की। साथ ही पावन ज्योर्तिलिंग पर 501 श्वेत कमल की विशेष माला अर्पित कर प्रधानमंत्री ने देश में शांति और समृद्धि की कामना की। मोदी ने पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के प्रधान प्रजारी का आर्शिवाद लिया और दक्षिणा भी दी। मंदिर के पुजारी ने प्रधानमंत्री को रूद्राक्ष की माला पहना कर प्रसाद भी दिया।
शास्त्रों के अनुसार देवाधिदेव को अलग-अलग पुष्प अर्पित करने का विधान है। कमल का पुष्प जीवन में शुभता और पवित्रता के आगमन का प्रतीक है। शिव को श्वेत कमल अर्पित करने से नौ ग्रहों में सामंजस्य भी स्थापित होता है। शिव को कमल अर्पित करने का अर्थ स्वयं को उनके चरणों में अर्पित कर देना है।
इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय भी उनके साथ मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में भी लोकसभा चुनाव जीतने के अगले ही दिन 17 मई को काशी आए थे। उसके बाद 26 मई को प्रधानमत्री पद की शपथ ली थी। इस बार भी चुनाव परिणाम घोषित होने के चौथे दिन और शपथ लेने से पहले पीएम काशी आये। (हि स)