नई दिल्ली (mediasaheb.com) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 13 मार्च को चेन्नई के स्टेल्ला मेरिस कालेज में 3000 छात्राओं से हुए संवाद, सवाल-जवाब में कहा था कि अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद यदि कांग्रेस सत्ता में आई, तो महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देगी।
इसके बारे में महिला कांग्रेस की तमाम सदस्य कहने लगी हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इसकी शुरूआत लोकसभा चुनाव में पार्टी का 33 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देकर करनी चाहिए। यह करने पर इसका देश भर की महिलाओं में बहुत अच्छा संदेश जाएगा और अन्य दलों पर भी ऐसा करने का दबाव बनेगा। इस बारे में कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री गिरिजा व्यास का कहना है कि ऐसा हो जाए तब तो कांग्रेस आधी लड़ाई जीत जाएगी। वरिष्ठ पत्रकार डा. हरि देसाई का कहना है कि सच्चाई यह है कि सभी दल चुनाव के समय आधी आबादी यानि महिलाओं को 33 प्रतिशत या उससे भी अधिक आरक्षण देने की बात करते हैं।
लेकिन जब सत्ता में आते हैं, तो तरह-तरह के तर्क देते हुए अड़चनें गिनाने लगते हैं। चाहे वह महिला आरक्षण का चुनावी वादा हो या अन्य कोई वादा। इसलिए राजनीतिक दलों के कहे पर, विशेषकर भारत के राजनेताओं के कहने परविश्वास करना अपने को भुलावे में रखना है। यह कांग्रेस, भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों पर लागू होता है। जहां तक राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं को टिकट देने की बात है, इस लोकसभा चुनाव में अभी तक तो सबसे अधिक तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिया है। देखिए आगे क्या होता है। हि.स.