रायपुर, (media saheb) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा लगाए गए कांग्रेस व माओवादियों के गठबंधन के आरोप को गंभीर मानते हुए कांग्रेस-नक्सली रिश्तों की जांच की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने एक लेख में छत्तीसगढ़ के हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर माओवादियों के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया है। श्रीवास्तव ने कहा कि श्री जेटली के आरोप इसलिए भी गंभीर हैं क्योंकि हर बार छत्तीसगढ़ के चुनाव में नक्सली चुनाव और मतदान का बहिष्कार करते थे, लेकिन इस बार 2018 के चुनाव में ऐसा कुछ नहीं होना श्री जेटली के आरोपों को प्रामाणिक सिध्द करता है। उन्होंने ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राजबब्बर का रायपुर में नक्सलियों को क्रांतिकारी बताना भी कांग्रेस की चुनावी रणनीति का ही एक अंग था। इसी रणनीति के तहत मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने झारखंड में नक्सलियों से कांग्रेस के लिए समर्थन मांगा था।
भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस नेताओं पर नक्सली-रिश्तों के परिप्रेक्ष्य में कटाक्ष किया कि ‘झीरम-झीरम‘ का शोर मचाने वालों का दोहरा चरित्र अब सामने आएगा। झीरम घाटी के नक्सली हमले के सबूत जेब में रखकर चलने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एसआईटी को वे सबूत सौंपने में वक्त क्यों लगा रहे हैं? क्यों वे झीरम कांड के पीड़ित-परिवारों को न्याय दिलाने में विलंब कर रहे हैं? जिन नक्सलियों ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं व कार्यकर्ताओं पर हृदयविदारक जानलेवा हमला किया, सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों का रक्त बहाया, उनको ही कांग्रेस के नेता क्रांतिकारी बताने और कांग्रेस के समर्थन के लिए कहने में मशगूल रहे! उस वक्त न तो प्रदेश के किसी कांग्रेस नेता और न ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक ने इस पर कोई ऐतराज जताया। अपने इस दोहरे आचरण के लिए कांग्रेस नेताओं को न केवल छत्तीसगढ़, अपितु देशभर की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जेएनयू में ‘टुकड़े-टुकड़े गिरोह‘ के साथ खड़ा होना, अदालत में अर्बन नक्सलियों के बचाव में कांग्रेस का सबसे आगे नजर आना कांग्रेस-नक्सली रिश्तों की इसी कलंकपूर्ण पटकथा के अध्याय थे। अविभाजित मध्यप्रदेश के काल में छत्तीसगढ़ के संसाधनों का शेष मध्यप्रदेश में उपयोग कर छत्तीसगढ़ को कंगाल बनाए रखने के कारण ही यहां नक्सलवाद पनपा। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के साथ उपनिवेश जैसा सौतेला बर्ताव करके सत्ता का सुख भोगा लेकिन भाजपा की सरकार ने 15 वर्षों में न केवल नक्सली उत्पातों पर अंकुश साधा, अपितु नक्सल पीड़ित क्षेत्रों के साथ ही पूरे प्रदेश में विकास का उपलब्धिपूर्ण इतिहास रचा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नक्सलियों के साथ कांग्रेस का गठजोड़ उस समय भी स्पष्ट रूप से सामने आया जब अर्बन नक्सलियों की गिरफ्तारी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर उनको अपना समर्थन दिया था जबकि मामला कोर्ट में था और कोर्ट ने उन्हें कोई राहत देने से इंकार किया था। उन्होंने कहा कि झीरम हमले पर भी संपादकों के सम्मेलन में राहुल गांधी ने नक्सलियों को क्लीनचिट दिया था, इससे फिर कांग्रेस का नक्सलियों से गठजोड़ सामने आ रहा है।