भोपाल(media saheb) कांग्रेस की हिना कांवरे भारी हंगामे के बीच विधानसभा की उपाध्यक्ष चुन ली गईं। गुरुवार को उपाध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया के दौरान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामा इतना बढ़ा कि विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष पर ही पक्षपात का आरोप लगा दिया। विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा में शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंकझोंक हुई।
स्पीकर चुनाव के दौरान हुए हंगामे की तरह ही स्थिति डिप्टी स्पीकर के चुनाव में भी दिखाई दी। पक्ष-विपक्ष के बीच चली तीखी नोंक-झोंक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा। अध्यक्ष ने मंत्रियों को भी चेताया। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने उपाध्यक्ष के पद पर हिना कांवरे को निर्वाचन करने की घोषणा की। उधर, विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए उपाध्यक्ष चयन प्रक्रिया को अलोकतांत्रिक बताया और जमकर नारेबाजी की । ऐसे चली सदन की कार्रवाई पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सवर्णों को 10% आरक्षण देने पर पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दी और इस फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताया।
कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि यह चुनावी फैसला है| करना था तो महिला आरक्षण बिल भी पास करते। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन का प्रस्ताव पढ़ा और उपाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें चार सूचनाएं हिना कांवरे के लिए आईं और 5 वीं सूचना गोपाल भार्गव ने दी जिसका समर्थन सीताशरण शर्मा ने किया।
लेकिन अध्यक्ष ने सिर्फ चार सूचनाओं को ही स्वीकार किया। विपक्ष ने हंगामा करते हुए गुप्त मतदान की मांग की। विपक्षी सदस्य आसंदी के पास इकट्ठे हो गए और नारेबाजी करने लगे। विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। सिर्फ हिना कांवरे का नाम पढ़े जाने पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने आपत्ति जताई।
इस पर अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने कहा कि वह नियम प्रक्रिया से बढ़ चुके हैं, अब पीछे नहीं हटेंगे। इस पर विपक्ष ने गर्भ गृह में पहुंचकर जमकर नारेबाजी की और तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की आवाज दबाने का काम किया है। पूर्व सीएम और विधायक शिवराज सिंह चौहान ने भी सदन में कहा कि पहले दिन से ही विपक्ष को नजरअंदाज किया जा रहा है। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार और स्थगित की गई। विपक्षी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ने उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की हिना कांवरे को निर्वाचित घोषित किया।(हि.स.)