रायपुर(media saheb) कांग्रेस सरकार द्वारा ई-टेंडर घोटाले की ईओडब्ल्यू के द्वारा जांच कराने के निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की आपत्ति पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि घोटालों की जांच से रमन सिंह घबरा क्यो रहे है?
नान घोटाले की जांच के लिये एसआईटी के गठन करने पर वे बदलापुर-बदलापुर का शोर मचाते है। अब ई-टेंडर मामले की ईओडब्ल्यू जांच पर रमन सिंह को आपत्ति हो रही है। सीएजी ने आर्थिक अनियमितता पकड़ी है, ठीक है इस रिपोर्ट का परीक्षण लोकलेखा समिति करेगी लेकिन प्रथम दृष्टया कोई आर्थिक अपराध हुआ है तो ऐसे अपराधों की जांच करने के लिये ही ईओडब्ल्यू है और इसकी जांच होनी भी चाहिये। अभी तो सरकार ने जांच के निर्देश भर दिये है, भाजपाई तिलमिलाने लगे है।
उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षो में भाजपा की सरकार में बैठे हुये लोगों ने राज्य की संपदा को विदेशी आताताइंयों की तरह लूटा है। घोटालों की पर्त जिस तरह खुल रहे है उससे यह लगने लगा है, आगे खुलने वाला घोटाला पिछले घोटाले से और बड़ा है। भाजपा सरकार के द्वारा किये गये घोटालों में होड़ मची है कि कौन सा घोटाला ज्यादा बड़ा है? चोरी और सीना जोरी का इससे बेशर्म और बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि राज्य शासन की एजेंसी चिप्स के जरिये हुई ई-टेंडर की प्रक्रिया में जमकर गड़बड़ी की गई है।
टेंडर के नियमों को ताक पर रखते हुये जिस कम्प्यूटर से टेंडर अपलोड किए गए, उससे ही ठेकेदारों ने न केवल भरे बल्कि अधिकारियों ने मंजूरी भी दे दी। इस तरह से अलग-अलग टेंडर के जरिए साढ़े चार हजार करोड़ रू. से अधिक राशि का घोटाला किया गया। सिर्फ यही नहीं पिछले 15 सालों में सीएजी ने रमन सिंह के ऊर्जा और खनिज जैसे विभागों में हजारों करोड़ का घोटाला पकड़ा था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।