रायपुर(media saheb.com). कलिंगा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में शोध प्रवृत्ति और नयी खोज को विकसित करने के उद्देश्य से विभिन्न वेबिनार और कार्यशाला का आयोजन किया जाता रहा है।जिसमें देश.विदेश के शीर्षस्थ विद्वानों को आमंत्रित किया जाता है।जो विद्यार्थियों को किसी विशेष विषय पर अपने ज्ञान से लाभान्वित करते हैं। इसी तारतम्य में कलिंगा विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान में श्बायोफर्टिलाइज़र फार्मूलेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंटश् विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ।
कोरोना महामारी प्रकोप के कारण शासन के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ.साथ सभी कार्यक्रम ऑनलाईन किए जा रहे है।इसीलिए उक्त राष्ट्रीय कार्यशाला का ऑनलाईन आयोजन संपन्न किया गया।राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजन के प्रथम चरण में भारतीय परंपरा के अनुसार ज्ञान और विद्या की देवी माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना करने के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
उक्त कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रुप में कमला नेहरू महाविद्यालयए नागपुर के प्रमुख प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष डॉण् संध्या मोघे उपस्थित थीं। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को जैव उर्वरक का फसलों के ऊपर महत्व और सूक्ष्मजीवों के उपयोग से इसे बनाने की विधियों से भी अवगत कराया।
उन्होंने बताया किए जैवउर्वरक एक जीवित उर्वरक हैए जिसमें सूक्ष्मजीव विद्द्मान रहते हैं। जो फसलों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है और उनकी गुणवत्ता को बढ़ाता है। इसके साथ ही डॉण् संध्या मोघे ने जैव उर्वरक के सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादन की विधि को भी लाइव प्रसारित करके सिखाया।
उक्त आयोजन में कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉण्आरण्श्रीधरएमहानिर्देशक डॉण्बैजू जॉनएकुलसचिव डॉण्संदीप गांधीएजैव प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्ष डॉण्सुषमा दूबेएडॉण् रामस्वरुप सैनीएश्री डिलेन्द्र चंद्राकरए सुश्री निराली बुधभट्टी ए श्री श्रीकांत सिंहएश्री राहुल चंद्राकर और विभाग के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थें।कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात राष्ट्रीय संगोष्ठी के समन्वयक डॉण् सुषमा दूबे ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।