– अब दो
अप्रैल को बाघा सीमा पर होगी अगली बैठक
– पुलवामा हमले के बाद पहली बार
हुई दोनों देशों के अधिकारियों की साझा बैठक
-19 मार्च को
ग्राउंड जीरो पर मिलेगा दोनों देशों का टेक्निकल स्टाफ
चंडीगढ़/नई दिल्ली, (mediasaheb.com) भारत और पाकिस्तान के संबंधों में भले ही तल्खी का माहौल हो लेकिन करतारपुर कॉरीडोर के मुद्दे पर दोनों देश न केवल एकजुट हुए, बल्कि गुरुवार को अटारी सीमा पर हुई पहली बैठक में कई मुद्दों पर सहमति भी बन गई है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान के समक्ष रोजाना पांच हजार श्रद्धालुओं को वीजा फ्री एंट्री देने की मांग रखी, जिस कोई सहमति नहीं बन पाई है। अब दोनों देशों की अगली संयुक्त बैठक दो अप्रैल को बाघा सीमा पर पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में बनी चेक पोस्ट पर होगी। उस दिन भारतीय अधिकारियों का दल सीमा पार जाएगा।
पुलवामा आतंकी हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद आज पहला मौका था, जब दोनों देशों के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारी आमने-सामने बैठे। भारत-पाक सीमा पर अटारी सीमा पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट पर दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक आज सुबह करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई। बैठक में पाकिस्तान के 18 सदस्यीय अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई विदेश मंत्रालय के डीजी डॉ.मोहम्मद फैजल ने की। भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय से संयुक्त सचिव एससीएल दास और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। दोनों देशों की तरफ से पहले से ही यह तय कर लिया गया था कि आज की बैठक का एजेंडा केवल करतारपुर गलियारा ही रहेगा।
बैठक के बाद दोनों देशों के साझा बयान में कहा गया कि यह बातचीत रचनात्मक रही। दोनों देशों की तरफ से करतारपुर गलियारे को लेकर निर्माण में तेजी लाए जाने पर सहमति जताई गई। इस संबंध में अगली बैठक दो अप्रैल को इसी सीमा पर पाकिस्तान के वाघा क्षेत्र में होगी। उससे पहले 19 मार्च को भी जीरो प्वाइंट पर तकनीकी विशेषज्ञों की मुलाकात होगी। अधिकारियों ने ये भी बताया कि भारत में गलियारे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है और गलियारा क्षेत्र को चिह्नित करने का कार्य भी जारी है।
करतारपुर गलियारे को लेकर भारत-पाकिस्तान की बैठक सफल रही लेकिन इस दौरान भारत की तरफ से रखी गई हर रोज पांच हजार श्रद्धालुओं की वीजा मुक्त यात्रा की बात पर पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है। बैठक के दौरान भारतीय शिष्टमंडल ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के समक्ष श्रद्धालुओं के वीजा मुक्त प्रवेश सहित सात बिंदु रखे हैं।
करतारपुर गलियारे को लेकर भारत-पाकिस्तान की बैठक के बाद अटारी में ही गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बैठक में करतारपुर गलियारे व गुरुद्वारा साहिब जाने तक श्रद्धालुओं की निर्विघ्न यात्रा को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें भारत की ओर से कुछ प्रस्ताव पाकिस्तान को दिए गए, जिसमें श्रद्धालुओं के पाकिस्तान में वीजा मुक्त यात्रा की बात कही गई है। पाकिस्तान ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है। भारत की तरफ से कहा गया कि शर्तों के मुताबिक करतारपुर जाने वाले श्रद्धालु अपने साथ अपना पासपोर्ट तो रखेंगे लेकिन उन्हें वीजा जैसी औपचारिकताओं से मुक्त रखा जाए, क्योंकि यह आस्था का मामला है।
पिछले साल नवंबर में करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ऩे के लिए गलियारा बनाने पर भारत और पाकिस्तान सहमत हुए थे। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नरोवाल जिले में रावी नदी के पार स्थित है, जो डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से तकरीबन चार किलोमीटर दूर है। करतारपुर में सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अपना अंतिम समय व्यतीत किया था।
भारत की तरफ से पाकिस्तान को दिए गए प्रमुख प्रस्ताव:
– रोजाना
पांच हजार श्रद्धालु करतारपुर में माथा टेकने के लिए जाएं
– श्रद्धालुओं
को वीजा मुक्त प्रवेश दिया जाए
– भारत की
मांग पूरा सप्ताह बिना रुकावट के चले यात्रा
– दोनों
देश अपने-अपने क्षेत्र में त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था करेंगे
– हालांकि
करतारपुर जाने वाले यात्रियों को पासपोर्ट साथ रखना अनिवार्य हो | (हि स)।