जगदलपुर, (media saheb)नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नजूल जमीनों पर कब्जा कर रहने वालों को पट्टे देने की घोषणा की है। घोषणा के बाद से कलेक्टोरेट के नजूल शाखा के सभी अफसर-कर्मी नजूल जमीनों पर कब्जे की जानकारी जुटा रहे हैं। बस्तर जिले में नजूल या सरकारी जमीनों पर कब्जे का कोई आंकड़ा अब तक राजस्व विभाग के पास मौजूद नहीं है। ऐसे में अब हर कब्जे की जानकारी जुटाने राजस्व निरीक्षकों से लेकर पटवारियों के पसीने छूटने लगे हैं। बताया जाता है कि बस्तर जिले में कुल 2233 एकड़ जमीन है, जिसमें से दस्तावेजों में करीब 1693 एकड़ जमीन अब भी सरकार के पास मौजूद है।
इसी जमीन में लोगों ने कब्जा कर अपने मकान-दुकान बना लिए हैं, इसकी कोई भी जानकारी नजूल विभाग में अपडेट नहीं की जा सकी है। यही कारण है कि अब कब्जों की जानकारी जुटाते हुए घोषणा के मुताबिक लोगों को पट्टे देने की कवायद शुरू कर दी है। घोषणा में कहा है कि 13 दिसंबर 2005 से पहले जो तीन पीढ़ी से सरकारी जमीन पर काबिज हैं। उन्हें पट्टे मिलेंगे। बस्तर जिले में कुल 2233 एकड़ जमीन में से 501 एकड़ का स्थाई पट्टे दिया जा चुका है। वहीं 39 एकड़ जमीन पर राजीव गांधी पट्टे जारी किया गया है।
पूरे जिले में सरकारी जमीनों पर कितनों का कब्जा है, उसका कोई भी आंकड़ा विभाग के पास नहीं है। ऐसे में राजस्व निरीक्षक और पटवारी दौड़ लगाते हुए प्रकरण तैयार करने जुटे हुए हैं। बताया जाता है कि काम पूरा करने एक महीने का समय दिया गया है। नजूल अधिकारी प्रवीण कुमार वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हालांकि अधिकारिक रूप से कोई आदेश नहीं मिले हैं, लेकिन अपनी तरफ से हम पूरी तैयारी कर रहे हैं। बस्तर जिले के करीब 1693 एकड़ सरकारी जमीन पर कितना कब्जा है, इसकी जानकारी तो जुटाई नहीं जा सकी है, लेकिन काम चल रहा है।(हि.स.)।