रायपुर , (mediasaheb.com) कुछ समय पहले बिलासपुर के एक वरिष्ट पत्रकार ने दूरभाष पर प्रदेश के महाधिवक्ता कनक तिवारी पर उनकी सहमति से उनके इस्तीफ़े पर साक्षात्कार करा। जिसकी रिकॉर्डिंग मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ: तिवारी का स्पष्ट कहना है कि जब उन्होंने इस्तीफ़ा दिया ही नहीं तो माननीय मुख्यमंत्री ने उसे न केवल मंज़ूर कर दिया बल्कि नए महाधिवक्ता की नियुक्ति भी रातोंरात कर दी।
महाधिवक्ता का पद अत्यंत महत्वपूर्ण और गरिमामई संवैधानिक पद है और उसके साथ इस प्रकार का खिलवाड़ करना मुख्यमंत्री जी को बिलकुल शोभा नहीं देता है। आख़िर क्या कारण है कि तिवारी जैसे वरिष्ट अधिवक्ता को इस तरह ज़लील करके बर्खास्त किया गया? क्या इसका कारण यह तो नहीं कि उन्होंने मुख्यमंत्री जी के कहने पर उनके अनैतिक और अवैधानिक कार्यों में भाग नहीं लिया? इस अत्यंत ही गम्भीर मामले की उच्च न्यायालय को स्वयं संज्ञान लेते हुए जाँच करनी चाहिए क्योंकि सर्वप्रथम, संवैधानिक तौर पर महाधिवक्ता कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होता है।