बिलासपुर (mediasaheb.com) एसईसीएल मुख्यालय में निदेशक (कार्मिक) डाॅ. आर.एस. झा की अध्यक्षता, महाप्रबंधक (कार्मिक/प्रशासन) श्री ए.के. सक्सेना, मुख्य प्रबंधक (का-प्रशा/जनसंपर्क/राभा) श्री पी. नरेन्द्र कुमार, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों, क्षेत्रीय कार्मिक प्रमुखों एवं नोडल अधिकारी की उल्लेखनीय उपस्थिति में कम्पनी स्तरीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक एसईसीएल मुख्यालय प्रशासनिक भवन के सीएमडी सभाकक्ष में सम्पन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए ने कहा कि एसईसीएल ने इस वर्ष दिनांक 27.03.19 तक 154.72 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर अपने उत्पादन लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं। 27 मार्च को हमारी कम्पनी ने 6,64,532 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया वहीं इस तिथि को हमने 5,05,022 मिलियन टन कोयला डिस्पेच किया है। 27 मार्च तक हमारी कम्पनी सदा की तरह नम्बर-1 कोयला उत्पादक कम्पनी है, वहीं एमसीएल 147.13 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर दूसरे नंबर पर तथा एनसीएल 100.33 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर तीसरे नम्बर पर है जबकि कोलइण्डिया का कुल उत्पादन 23 मार्च तक 608.75 मिलियन टन हुआ है। उन्होंने एसईसीएल की इस गौरवमयी उपलब्धि पर सभी को व्यक्तिशः अपनी ओर से व कम्पनी की ओर से बधाई देते हुए कहा कि एसईसीएल उत्पादनउत्पादकता, प्रेषण आदि क्षेत्रों में सदा से अग्रणी रहा है उसी प्रकार हम ’’क’’ क्षेत्र के निवासी होने के कारण अधिकाधिक कार्यालयीन पत्राचार हिन्दी में करें इसका हमें समेकित रूप से भरसक प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने एसईसीएल में हिन्दी पत्राचार की गति पर सन्तुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि हिन्दी पत्राचार में वृद्धि हेतु हमसे जो भी अपेक्षा क्षेत्रीय कार्यालयों या मुख्यालय के विभागाध्यक्षों द्वारा की जाएगी उसे हमारे द्वारा अवश्य पूर्ण किया जाएगा।
बैठक के प्रारंभ में माॅं सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीपप्रज्जवलन के उपरांत स्वागत उद्बोधन उप प्रबंधक (सचिवीय/राजभाषा) श्री प्रभात कुमार कुमार ने दिया।
बैठक में कम्पनी स्तरीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति के दिनांक 13.12.2018 को सम्पन्न बैठक में लिए गए निर्णयों पर कृत कार्यवाही की समीक्षा एवं बैठक की कार्यसूची पर विधिवत् चर्चा हुई, बैठक की कार्यसूची के अनुरूप हिंदी पत्राचार का शत-प्रतिशत लक्ष्य सुनिश्चित करना, राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3 (3) का शत-प्रतिशत अनुपालन, संसदीय राजभाषा मिति के विभिन्न खण्डों पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करना, मुद्रित सामग्री एवं प्रचार-प्रसार संबंधी समस्त सामग्री अनिवार्य रूप से हिंदी अथवा द्विभाषी रूप में मुद्रित कराने, राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने, भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुपालन हेतु मानिटरिंग व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किए जाने, शब्दकोष, शब्दावली, सहायक तथा संदर्भ साहित्य और अन्य हिंदी पुस्तकों की व्यवस्था किए जाने, विभागीय बैठकों/सम्मेलनों की कार्यसूची/कार्यवृत्त हिंदी में परिचालित किए जाने, नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को हिंदी का ज्ञान न होने पर सेवा के शुरू में ही हिंदी प्रशिक्षण की व्यवस्था किए के संबंध में चर्चा के उपरांत कारगर निर्णय लिए गए, उपरांत एसईसीएल मुख्यालय के विभागों व क्षेत्रीय कार्यालयों के दिसंबर 2018 को समाप्त तिमाही प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी।
मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के समक्ष कार्यालयीन कार्य हिन्दी में सम्पादित करने में आने वाली कठिनाइयों पर चर्चा कर समाधन निकाले गये। बैठक के दौरान क्षेत्रीय कार्यालयों से आए हुए प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत किये।