बिलासपुर 20 जून (mediasaheb.com)|मनोज कुमार प्रसाद ने दिनांक 18.06.2019 से एसईसीएल के नए निदेशक (तकनीकी) का पदभार संभाल लिया है। पेशे से खनन अभियंता प्रसाद इसके पूर्व कोल इण्डिया लिमिटेड की अनुषंगी नाॅदर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के खड़िया ओपनकास्ट में क्षेत्रीय महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। अपने तीन दशक से अधिक के सेवाकाल में प्रसाद ने सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, नाॅदर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एवं साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में विभिन्न पदों पर अपनी सेवायें दी है।
एसईसीएल के नए निदेशक (तकनीकी) ने प्रतिष्ठित आईआईटी-बीएचयू वाराणसी से माईनिंग इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त की है। फस्ट क्लास माईन मैनेजर कम्पेटेन्सी प्राप्त प्रसाद ने बीआईटी मेसरा, राँची से मास्टर इन कम्प्यूटर एप्लिकेशन (एमसीए-पार्ट टाईम) का कोर्स भी पूरा किया है।
बतौर खनन अभियंता प्रसाद ने अपने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1985 में सीसीएल के बरकाकाना एरिया से माईन इंचार्ज अधिकारी के रूप में की। आईटी क्षेत्र में दक्षता तथा अभिरूचि के कारण वे वहाँ सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर, एनालिस्ट एवं डिजाइनर की भूमिका में भी कार्यरत रहे तथा इनके कार्यकाल में सीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में पे-रोल सिस्टम, वित्तीय एकाउंटिंग अपनाने तथा कई अद्यतन आई-टी प्लेटफाॅर्म को विकसित एवं कार्यान्वित किया गया।
वे सीसीएल के पीपरवार खुली खदान जो कि भारत-आस्ट्रेलिया का संयुक्त उद्यम था तथा जहाँ टेक्नोलाॅजी ट्रांसफर के जरिए देश में पहली बार वाशरी के साथ मोबाइल इनपुट क्रशिंग एवं कन्वेईंग सिस्टम लगाया जा रहा था, में भी कार्यरत रहे तथा बतौर माइन मैनेजर पदोन्नत हुए। तदन्तर उन्होंने अशोका खुली खदान में माइन मैनेजर की भूमिका में कार्य किया जहाॅं सीसीएल में पहली बार सरफेस माइनर एवं ओबी आउटसोर्सिंग को अपनाते हुए खदान के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई।
एम.के. प्रसाद पूर्व में भी एसईसीएल में कार्यरत रहे हैं। गेवरा क्षेत्र में माइन मैनेजर के इनके कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में एसईसीएल में पहली बार सरफेस माइनर तकनीक का समावेश किया गया तथा 42 क्यूबिक मीटर शाॅवेल, 240 टन डंपर जैसे नई तकनीक संचालन में शामिल की गई थी।
वर्ष 2008 में प्रसाद का स्थानांतरण एनसीएल सिंगरौली हुआ जहाँ उन्होंने क्षेत्रीय महाप्रबंधक की भूमिका में बीना खुली खदान के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की तथा चर्चित 10 मिलियन टन क्षमता के बीना-ककरी प्रोजेक्ट समायोजन के कार्यान्वयन से भी प्रत्यक्षतः जुड़े रहे। वर्ष 2015 से 2018 के मध्य इसी कंपनी में दूधीचुआ ओसीपी के क्षेत्रीय महाप्रबंधक के इनके कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट की उत्पादन क्षमता 15.50 मिलियन टन तक पहुँची साथ ही खदान को स्टेज-। फाॅरेस्ट क्लियरेंस, टीओआर, पीआर जैसे महत्वपूर्ण सफलताएँ भी हासिल हुई। इसी दौरान वे आईटी कार्यान्वयन से जुड़े तथा एनसीएल मुख्यालय में महाप्रबंधक (सिस्टम) का अतिरिक्त कार्यभार संभाला। एनसीएल में इस दौरान आईटी क्षेत्र की महत्वपूर्ण गतिविधियों यथा-कोलनेट, ओआई टीडीएस, सीसीटीव्ही, जीपीएस आधारित व्हिकल ट्रेकिंग सिस्टम के कार्यान्वयन में तेजी देखी गई।
वर्तमान दायित्व से पूर्व एनसीएल में खड़िया ओपन कास्ट में क्षेत्रीय महाप्रबंधक के तौर पर प्रसाद का कार्यकाल उत्पादन एवं डिस्पैच में नये कीर्तिमान का रहा तथा इस प्रोजेक्ट ने आज दिनांक तक, लक्ष्य प्राप्ति के अतिरिक्त उत्पादन एवं डिस्पैच में क्रमशः 32.64 प्रतिशत तथा 42.65 प्रतिशत की अभिवृद्धि दर्ज की। इनके इस कार्यकाल में 6 मिलियन टन क्षमतायुक्त कोल हैण्डलिंग प्लांट तथा नये वर्कशाॅप की स्थापना एवं लंबे समय से लंबित चल रहे केबीजे लाइन के डाईवर्शन का कार्य भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
मनोज कुमार प्रसाद ने वर्ष 1994, 2017 एवं 2019 में आस्ट्रेलिया में तकनीकी प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। उनके नेशनल एवं इंटरनेशनल फोरम/कान्फ्रेन्स में 9 तकनीकी पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। वे एमजीएमआई के लाईफ-टाइम मेम्बर तथा इसके सिंगरौली चैप्टर के सेक्रेटरी भी हैं।
एकल रूप में देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी एसईसीएल को निश्चय ही प्रसाद के दीर्घ अनुभवों, नेतृत्व क्षमता तथा उत्कृष्ट कार्यशैली का लाभ मिल सकेगा तथा इस बाबत प्रसाद के आगमन से एसईसीएल परिवार में उत्साह देखा जा रहा है।