रायपुर (mediasaheb.com) दक्षिण एशिया सहयोग संगठन (सार्क) के चिकित्सकों के साथ स्वयं के अनुभवों को साझा करने की कड़ी में शनिवार को कोरोना वायरस के रोगी की पहचान करने, सैंपल लेने और इसका लैब में परीक्षण करने के लिए आवश्यक सावधानियों के बारे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की वायरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. अनुदिता भार्गव ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों और लैब के तकनीकी कर्मचारियों से हर संभव सुरक्षा उपाय को अपनाने और आरएनए की पहचान करने के बारे में विस्तार से बताया।
वायरोलॉजी, टेस्टिंग एंड इंफेक्शन कंट्रोल प्लानिंग विषय पर सार्क के सात देशों और रूस एवं कोलंबिया के 167 चिकित्सकों को वेबीनार के माध्यम से संबोधित करते हुए डॉ. भार्गव ने एम्स की वीआरडी लैब के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कोविड-19 के रोगियों के लक्षणों को पहचानने, उनका सैंपल लेने, इसके परिवहन में बरते जाने वाले उपायों, आरटीपीसीआर के माध्यम से सैंपल का आरएनए जांचने, मॉलीक्यूलर टेस्ट और सेरोलॉजी के बारे में विस्तार से चिकित्सकों की जिज्ञासाओं को शांत किया।
डॉ. भार्गव का कहना था कि सैंपल लेने से लेकर उसके परिवहन और टेस्टिंग में पूर्ण सुरक्षा मानकों को अपनाया जाना चाहिए। यदि सैंपल लेने से लेकर उसकी टेस्टिंग तक में समय लगने वाला है तो उसे उचित तापमान बनाकर रखने की आवश्यकता होगी। इसके लिए लैंबलिंग और पैकेजिंग तक के नियम बनाए गए हैं जिनका पूर्ण रूप से पालन करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर ने सभी सुरक्षा मानक निर्धारित किए हैं जिनका अक्षरशः पालन करना आवश्यक है।
डॉ. भार्गव को बीस वर्षों से अधिक का अध्यापन अनुभव है। वह एम्स की वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब की प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर हैं। डॉ. भार्गव के निर्देशन में लैब ने अभी तक पांच हजार से ज्यादा सैंपल की जांच की है जिसमें शनिवार तक 36 पॉजीटिव पाए गए।
संयोजन डॉ. एकता खंडेलवाल ने किया। इस अवसर पर डॉ. अजॉय कुमार बेहरा भी उपस्थित थे।
विदेश मंत्रालय की आईटेक परियोजना का हिस्सा है वेबीनार
एम्स रायपुर द्वारा आयोजित की जा रही वेबीनार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्क देशों को कोविड-19 की चुनौती का मुकाबला करने के लिए दी गई मदद का एक भाग है। पिछले दिनों सार्क देशों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के बाद मोदी ने दस मिलियन डॉलर के साथ एक फंड शुरू किया था जिसके माध्यम से सार्क देशों को कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए मदद दी जानी है। इसी परियोजना के अंतर्गत विदेश मंत्रालय ने इंडियन टेक्नीकल एंड इकोनोमिक प्रोग्राम पोर्टल प्रारंभ किया है जिसमें इस प्रकार के वेबीनार आयोजित किए जाएंगे।