25 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश
नईदिल्ली(media saheb) दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में प्रिया रमानी को समन जारी कर दिया है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने प्रिया रमानी को 25 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
पिछले 22 जनवरी को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में सात लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे। 11 जनवरी को जिन लोगों के बयान दर्ज हुए उनमें तपन चाकी, मंजर अली और रचना गोयल शामिल हैं।
तपन चाकी पेशे से कम्युनिकेशंस कंसल्टेंट हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि वह एमजे अकबर को पिछले 30 सालों से जानता है। जब एमजे अकबर द संडे के संपादक थे तो तपन चाकी उनके लिए लिखा करते थे। चाकी ने बताया था कि एमजे अकबर एक सज्जन व्यक्ति हैं| उनकी छवि एक व्यवहार कुशल और दोस्ताना व्यक्ति की है। जब उन्हें प्रिया रमानी के ट्वीट्स के बारे में जानकारी मिली तो काफी आश्चर्य और दुख हुआ। एमजे अकबर की पूर्व निजी सचिव रचना गोयल ने बताया था कि उन्होंने एमजे अकबर के साथ 10 सालों तक काम किया है। इस दौरान एमजे अकबर का व्यवहार काफी प्रोफेशनल रहा और उनकी कभी कोई शिकायत सुनने को नहीं मिली। उन्हें भी प्रिया रमानी के ट्वीट्स को पढ़ने के बाद काफी धक्का लगा।
पिछले 25 सालों से एमजे अकबर के निजी सचिव रहे मंजर अली ने कहा था कि उन्होंने प्रिया रमानी के सभी ट्वीट्स के प्रिंटआउट अकबर के दफ्तर में लगे कंप्यूटर से लिए। 7 दिसंबर 2018 को दो गवाहों ने अपनी गवाही दर्ज कराई थी।
7 दिसंबर 2018 को गवाही दर्ज कराने वालों में वीनू संदल और सुनील गुजराल शामिल थे। इसके पहले संडे गार्जियन अखबार की संपादक जोयिता बसु ने अपना बयान दर्ज कराया था। 31 अक्टूबर 2018 को एमजे ने अपना बयान दर्ज कराया था। एमजे अकबर ने अपने बयान में कहा था कि पत्रकार प्रिया रमानी के झूठे और बेबुनियाद ट्वीट की वजह से उनकी प्रतिष्ठा को गहरी चोट पहुंची। उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा। उन्होंने कहा था कि संपादक और लेखक के रुप में उनकी अच्छी छवि है। उन्होंने कहा था कि प्रिया रमानी के आरोपों ने लोगों की नजर में उनकी छवि को गिराया है।
इन आरोपों ने मुझे मेरे दोस्तों, मेरे सहयोगियों मेरे राजनीतिक दोस्तों की नजर में गिराने का काम किया है । एमजे अकबर ने कहा था कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रुप में की। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के बारे में कहा कि उन्होंने 2014 में सार्वजनिक जीवन शुरु किया था और भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना। फिलहाल मैं मध्यप्रदेश से सांसद हूं। उन्होंने कहा था कि प्रिया रमानी के ट्वीट पर मेरा ध्यान अफ्रीका के आधिकारिक दौरे से लौटने के बाद गया।
अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी के 10 और 13 अक्टूबर के ट्वीट ने मेरी छवि को काफी नुकसान पहुंचाया। उन ट्वीट को कई जगह छापा गया और सोशल मीडिया पर उसकी चर्चा होती रही। एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। (हि.स.)