न्यास, धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने दिए निर्देश
गरियाबंद(media saheb) छत्तीसगढ़ी संस्कृति, बोली, तीज-त्यौहार और आस्था तथा भावना के अनुरूप इस बार नवीन स्वरूप में राजिम माघी-पुन्नी मेला का आयोजन किया जाएगा। धार्मिक न्यास, धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज विश्राम गृह राजिम में अधिकारियों की बैठक लेकर राजिम मेला की प्रारंभिक तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और नदियों को सुरक्षित रखते हुए मेले की व्यवस्था के लिए जो भी बेहतर किया जा सकता हैं, करें। नदी से रेत न हटाएं। जरूरत के अनुसार नदी में कम से कम सड़क बनाएं। इस बार मुख्य मंच के अलावा और भी दो-तीन मंच बनायें। एक मंच में पंडवानी, एक में राउत नाचा जैसे छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम होंगे और मुख्य मंच में अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।
श्री साहू ने कहा कि प्रवचन के लिए बाहर के विद्वानों के साथ ही छत्तीसगढ़ के विद्वानों को आमन्त्रित करें। कबीर पंथ, गायत्री, शंकराचार्य परम्परा के विद्वतजनों को प्रवचन के लिए बुलाएं। संत समागम भी होगा, उसके लिए भी आवश्यक व्यवस्था किया जाए। मेले के दौरान रोचक रामायण कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ी खेल फुगड़ी, कबड्डी का समावेश किया जा सकता है। त्रिवेणी संगम में पुन्नी स्नान के लिए पर्याप्त पानी एवं जरूरी व्यवस्थाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीयता के महत्व को ध्यान में रखते हुए राजिम माघी पुन्नी मेले में होने वाली आरती को महानदी आरती का नाम दिया जा सकता है। मेला स्थल में दाल-भात केन्द्रों में भोजन की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की दुकान लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी प्रारंभिक तैयारी की बात हो रही है, आगे मिलने वाले सुझावों को ध्यान में रखते हुए मेले में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेगी।
इस अवसर पर अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला छत्तीसगढ़ की संस्कृति और जन आस्था का विषय रहा है। मेले में यहां के लोक कला, लोक गीत और बोली को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेले में किस तरह नागरिकों को ठहरने, शौचालय और अन्य सहुलियत दे सकते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए मेले की तैयारी करें। उन्होंने कहा कि राजिम मध्य भारत क्षेत्र का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान रहा है।
राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा कि नदी में मुरूम की सड़क न बिछाये। नदी में शौचालयों का निर्माण न हों। उन्होंने कहा कि इस बार कुलेश्वर महादेव एवं राजीव लोचन भगवान पर विशेष मंचन करायें। श्री शुक्ल ने राजिम माघी पुन्नी मेले के दौरान शराबबंदी, स्थानीय संस्कृति को महत्व देने और संत समागम के आयोजन सहित विभिन्न विषयों पर भी अपनी बात रखी।