कराकस, (media saheb.com) अमेरिकी प्रतिबंधों से परेशान वेनेजुएला आर्थिक संकट से उबरने के लिए संभावनाओं की तलाश कर रहा है। इसी क्रम में वह भारत को भी तेल बेचना चाहता है। लेकिन अमेरिका ने इस देश से कच्चा तेल खरीदने वालों को चेतावनी दी है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, वेनेजुएला की तेल कंपनी पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाए जाने पर 28 जनवरी के बाद से उसका तेल उत्पादन 1.40 बैरल प्रति दिन से घटकर 1.15 बैरल प्रतिदिन रह गया है। यही वजह है कि वह नकदी में भुगतान करने वाले देशों की ओर अपना रुख कर रहा है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के बाद भारत वेनेजुएला का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीददार है।
प्रतिबंध लगाए जाने से पहले वेनेजुएला की सरकारी तेल कंपनी पीडीवीएसए अमेरिका को रोजाना पांच लाख बैरल और भारत को तीन लाख बैरल प्रतिदिन तेल भेजा जाता था। इन दोनों देशों के बाद चीन का नम्बर आता है। वेनेजुएला ने अपने तेल मंत्री मेन्युअल क्वेवेडो को भारत भेजा, ताकि वे रिलायंस इंडस्ट्रीज और नयारा एनर्जी जैसे रिफाइनर्स को तेल खरीदने के लिए राजी कर सके। वह भारतीय खरीददारों को 6 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चा तेल बेचना चाहता है। वेनेजुएला नकद धन के बदले भारत को तेल की आपूर्ति करने को तैयार है। हालांकि, वेनेजुएला के लिए कच्चे तेल के खरीददार ढूंढ पाना मुश्किल काम होगा, क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते कोई देश खतरा उठाना नहीं चाहता है।
विदित हो कि अमेरिका ने वेनेजुला की मादुरो सरकार की आमदनी रोकने के लिए उसकी तेल आपूर्ति पर रोक लगाई है. अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्स ने बुधवार को कहा कि प्रतिबंधों के चलते गैर अमेरिकी रिफाइनर्स के लिए वेनेजुएला के भारी कच्चे तेल को खरीदना आसान नहीं होगा, हालांकि, चीन और भारत ऐसा करने में सक्षम हैं।(हि.स.)।