नई दिल्ली, (mediasaheb.com) लंदन की आईएचएस मार्किट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) 2020 की शुरूआत से मध्य के बीच मौद्रिक नीति को कड़ा कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में नरमी तथा देश में महंगाई दर के आरबीआई के मुद्रास्फीति लक्ष्य से नीचे रहने के साथ ऐसी संभावना है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में और कटौती कर सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जून के बाद मुद्रास्फीति दबाव तथा
राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका को देखते हुए नीतिगत दर में और कटौती की गुंजाइश
सीमित होगी। हमारा अनुमान है कि जून के बाद 2019 में नीतिगत दर में कटौती नहीं होगी
जबकि 2020 की शुरूआत से मध्य के बीच मौद्रिक नीति को कड़ा किया जा सकता है।
इसमें यह भी कहा गया है कि आने वाले
महीनों में खासकर मानसून के सामान्य से कमजोर रहने के अनुमान को देखते हुए खाद्य
पदार्थ तथा ईंधन के दाम में तेजी आने की आशंका है। इससे सकल महंगाई दर पांच
प्रतिशत से ऊपर निकल सकती है। 2019
में इसके औसतन 4.2 प्रतिशत तथा 2020 में 5.3 प्रतिशत रहने की
संभावना है।
उल्लेखनीय है कि इस साल फरवरी और अप्रैल में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की। इस समय आरबीआई की यह दर 6 प्रतिशत वार्षिक है जिस पर वह बैंकों को एक दिन के लिए नकद धन उधार देता है।(हि.स.)।