नई दिल्ली, (media saheb) आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने यह फैसला किया है कि चंदा कोचर के बैंक से अलग होने को टरमिनेशन फॉर कॉज माना जाएगा यानी किसी वजह से जॉब से निकाला जाना। इसका सीधा मायने ये है कि कोचर को जॉब से निकाला गया माना जाएगा। जो बेनीफिट दिया गया है उसे वापस लिया जाएगा बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के निणर्य के बाद कोचर के मौजूदा और भविष्य में मिलने वाले सभी फायदे बंद कर दिए जाएंगे। चाहे वह बोनस हों, इनक्रीमेंट हों, स्टॉक ऑप्शन हों या मेडिकल बेनेफिट।यही नहीं अप्रैल 2009 से मार्च 2018 तक जो भी बोनस उन्हें दिया गया है, उन्हें वापस लिया जाएगा।
कोचर ने बैंक की अंदरूनी पॉलिसी का किया उल्लघंन चंदा कोचर के मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने बैंक को दिए गए सालाना घोषणाएं बताने में ईमानदारी नहीं बरती। जो बैंक की अंदरूनी पॉलिसी, कोड ऑफ कंडक्ट और भारत के कानून के तहत जरूरी है। क्यू 3 में बैंक के मुनाफे में 2.7 फीसदी की गिरावट दर्ज प्राइवेट सेक्टर के बैंक आईसीआईसीआई का एकल शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दिसंबर, तीसरी तिमाही में 2.7 फीसदी घटकर 1,604.91 करोड़ रुपए रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में बैंक को कुल 1,650 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक ने एक बयान में कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी कुल आय 16,832.22 करोड़ रुपये से बढ़कर 20,163.25 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। (हि.स.)