पांच उद्योगों की बिजली काटी गई,
मंत्री अकबर ने लिया उद्योगों के धुएं-धुएं का हिसाब
रायपुर,(media saheb) राजनांदगांव के एबीस उद्योग समूह के खिलाफ राज्य सरकार ने कड़ी और बड़ी कार्रवाई की है। बताया गया है कि इस समूह के पांच उद्योग छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंड़ल की वैध सहमति हासिल किए बिना ही चलाए जा रहे थे। खास बात ये है कि ये उद्योग राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय से चल रहे थे,लेकिन पिछली सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि एबीस समूह को भाजपा सरकार के प्रमुख नेताओं की निकटता हासिल है। यही कारण हो सकता है कि इस उद्योग समूह के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की जा सकी।
लेकिन सरकार बदलने के बाद 15 जनवरी को छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंड़ल भिलाई को पत्र लिखकर बताया है कि 15 जनवरी को एबीस समूह के पांच उद्योगों की बिजली काट दी गई है।
इन उद्योगों की बिजली हुई गुल
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने पर्यावरण संरक्षण मंड़ल को भेजी जानकारी में उन उद्योगों की सूची भेजी गई है जिनके बिजली कनेक्शन 15 जनवरी को काटे गए हैं। इनमें मेसर्स इंडियन एग्रो फूड इंड्रस्टीज लिमिटेड ग्राम ईदामास,इंडियन बोन मिल एंड फर्टिलाइजल ग्राम चवेली, इंडियन फीड एंड फर्टिलाइडर ग्राम चलेवी, एबीस बोन चाइना ग्राम डूमरडीहकला तथा एबीस सेरामिक्स एंड पोट्रीस ग्राम डूमरडीहकला शामिल हैं।
इनमें कुछ कम,कुछ अधिक प्रदूषण फैलाने तथा कुछ प्रदूषण न फैलाने वाले उद्योग है। लेकिन कार्रवाई इसलिए कि उद्योगों के लिए वैध सहमति नहीं ली गई थी। इन पांच उद्योगों की बिजली काटने केलिए पूर्व में भी बिजली विभाग को लिखा गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन सरकार बदलने के बाद सरकार जब हरकत में आई तो बिजली काटनी पड़ी।
मंत्री अकबर ने लिए धुएं-धुएं का हिसाब
राज्य के आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने बुधवार को पर्यावरण विभाग के कार्यालय में पंहुचकर प्रदेश में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के बारे में जानकारी ली। उन्हें पर्यावरण संरक्षण मंड़ल के सदस्य सचिव सुनील मिश्रा व अन्य अधिकारियों ने एक-एक बिंदु पर जानकारी दी। मंत्री ने प्रदूषण की ऑनलाइन जानकारी एकत्र करने के लिए बनाए गए सिस्टम के माध्यम से जानकारी ली। इस दाैरान मंत्री श्री अकबर ने ये भी पूछा कि काैन-काैन से उद्योगों से कितनी मात्रा में प्रदूषण फैल रहा है। साथ ही ये भी जानकारी ली कि कितने उद्योगों को नोटिस दी गई।
प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ अब तक की गई कार्यवाही का ब्योरा लेने के साथ ही उन्होंने साफ किया है कि बिना वैध सहमति के चल रहे उद्योगों तथा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह भी पता लगा है कि पर्यावरण संरक्षण मंड़ल प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाने की कार्रवाई भी नहीं कर रहा था। लेकिन अब ये कार्यवाही नियामनुसार की जाएगी। यह भी पता लगा है कि विभाग के अधिकारी खुद सरकार के पक्ष में कार्रवाई न करके उद्योगों के हिमायती बने हुए थे। इसकी वजह से अदालत में उद्योगों के खिलाफ होने वाली सुनवाई में पर्यावरण सरंक्षण मंड़ल का पक्ष कमजोर हो रहा था।