रायपुर(mediasaheb.com) भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन ने जम्मू-कश्मीर के विकास में अनुच्छेद 35-ए को सबके बड़ा बाधक बताया है। डॉ. जैन ने कहा कि इस अनुच्छेद के चलते न केवल कश्मीरियों के साथ भेदभाव हो रहा है, अपितु इससे कश्मीर को भारत के अन्य दूसरे हिस्से से अलग-थलग करने का काम हो रहा है।
पार्टी महामंत्री व प्रदेश प्रभारी डॉ. जैन ने इसके लिए कांग्रेस की तत्कालीन केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उक्त अनुच्छेद को छलपूर्वक संविधान में शामिल किया गया, जिसके दुष्प्रभावों को खत्म कर सही तौर पर कानून का शासन स्थापित करने का काम मौजूदा केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कर रही है। डॉ. जैन ने कहा कि इस अनुच्छेद पर न तो संविधान सभा में विचार-विमर्श हुआ और न ही संविधान संशोधन की प्रक्रिया के तहत संसद में पारित कर इसे संविधान में शामिल किया गया, बल्कि गुपचुप तौर पर राष्ट्रपति के अध्यादेश से इसे संविधान में शामिल किया गया। सत्ता के व्यामोह में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने अपने इस निर्णय से भेदभाव और अलगाव की भावना को तो बल मिला ही, राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
कांग्रेस के इस छलपूर्वक किए गए कृत्य का दुष्परिणाम अब सामने आ रहा है। क्या छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के इस छलावे को उचित मानते हैं? क्या देश की एकता, संप्रभुता, सुरक्षा और एक प्रदेश के साथ भेदभाव और अलगाव पैदा करने वाले अनुच्छेद को संविधान में छलपूर्वक शामिल करने वाली कांग्रेस के मुख्यमंत्री और कार्यकर्ताओं को इसके लिए गर्व करना चाहिए? डॉ. जैन ने कश्मीर के मद्देनजर मौजूदा केन्द्र सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि अब इस राज्य में कानून का शासन स्थापित कर प्रदेश को पिछड़ेपन के अभिशाप से मुक्त करने की कारगर पहल हो रही है।