मुंबई, (mediasaheb.com) शनिवार को दिवंगत विनोद खन्ना की पत्नी कविता ने जहां एक तरफ उनके पति की सीट गुरदासपुर से भाजपा का टिकट न मिलने पर अफसोस जताया, वहीं ये भी साफ कर दिया कि वे पार्टी में बनी रहेंगी। उनकी इस घोषणा से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कहीं वे बागी तेवर अपनाते हुए इस सीट से निर्दलीय के तौर पर मैदान में न आएं। कहा जाता है कि पार्टी के साथ कविता की डील हो चुकी है। कविता का मामला तो सुलझ गया, लेकिन इसी सीट से विनोद खन्ना के बेटे अक्षय खन्ना भी दावा ठोंक रहे थे। अप्रैल के पहले सप्ताह तक गुरदासपुर में इस बात की हवा थी कि अक्षय खन्ना अपने पिता की सीट पर मैदान में आएंगे और इसके लिए पार्टी से उनकी बातचीत हो चुकी है। इसी बीच कविता का मामला सामने आया और जल्दी ही ये खन्ना परिवार के बीच की लड़ाई बन गई। माना जा रहा है कि कविता खन्ना को तो पार्टी ने मना लिया है, लेकिन अक्षय खन्ना से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
अपने पिता की पुण्यतिथि के मौके पर भी अक्षय खन्ना किसी से नहीं मिले। पहले खबर थी कि वे मुंबई में हैं। फिर कहा गया कि वे पनवेल के पास अपने फार्महाउस पर हैं और किसी से बात नहीं कर रहे हैं। संकेत ये मिले हैं कि अक्षय खन्ना सोमवार को दिल्ली जा रहे हैं, जहां शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस के नेताओं के साथ उनकी मुलाकात की व्यवस्था करा सकते हैं। कहा जा सकता है कि अक्षय की ये दिल्ली यात्रा ही उनके लिए अगला नहीं, अंतिम पड़ाव साबित होगी। इस बीच अक्षय खन्ना के एक करीबी दोस्त से ये भी संकेत मिले हैं कि वे राजनैतिक घटनाक्रम से मायूस हैं और राजनीति का रास्ता बदलकर फिर से अपने कैरिअर को संवारने में लग सकते हैं। हाल ही में उन्होंने दो नई फिल्मों के प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिनमें से एक फिल्म नितिन मनमोहन की कंपनी में है। नितिन मनमोहन को विनोद खन्ना के सबसे करीबी लोगों में माना जाता था। (हि स)।