रायपुर, (mediasaheb.com) राजधानी में अम्बेडकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर सुरक्षा व स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों की मांग पूरी नहीं होने से आज से आपात सेवा भी बंद कर दी है। इस हड़ताल से राज्य के सबसे बड़े अम्बेडकर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से चरमरा गई है। डॉक्टरों के अभाव के चलते मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है। साथ ही कई बड़े ऑपरेशन को टाल दिया गया है। हड़ताल से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है। बताते चलें कि स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर बुधवार से जूनियर डॉक्टर चरणबद्ध हड़ताल पर हैं। घोषणा के अनुसार मांगें न पूरी होने की सूरत में शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। अस्पताल में भर्ती लगभग 1100 मरीज 150 सीनियर डॉक्टर्स के भरोसे हैं मगर उनका हाल बेहाल है |
वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि जूनियर डॉक्टरों की मांगें जायज हैं । काफी अरसे से मांग कर रहे हैं कि उनके स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की जाए। एम्स और छठवें वेतन आयोग के हिसाब से भी उनका स्टाइपेंड उस लेवल का नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टरों को मुख्यमंत्री से मुलाकात करनी चाहिए और अपनी मांग रखनी चाहिए मगर वित्त विभाग में ही उनका मामला अटका है। उन्होंने डॉक्टरों से अपील है कि उनको इस तरीके से आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं करनी चाहिए और सीनियर डॉक्टरों से अपील की है कि वह व्यवस्थाओं को सुचारू रखें, ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो।
वहीं जूनियर डॉक्टरों का कहना कि दो दिन पहले लिखित रूप में सरकार और डीएमई को लिखित में दिया था कि मांगो को लेकर हम अपनी सेवा बंद कर रहे हैं । लेकिन हमारी मांगों पर कोई संज्ञान नहीं लेने से आज से हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और फिर से हमने अपातकालीन सेवा बंद रखने का फैसला किया है।
सरकार ने हमारी मांगों को लेकर कोई बिचार नहीं किया। गुरुवार को भी जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक से मिलने का प्रयास किया था मगर उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बावजूद दो दिनों तक न कॉलेज प्रबंधन की ओर से और न ही डीएमई कार्यालय की ओर से कोई पहल की गई है। प्रबंधन से मुलाकात न होने के बाद जूनियर डॉक्टरों की गुरुवार शाम अस्पताल परिसर में बैठक हुई। उसी में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया। वहीं प्रबंधन का कहना है कि स्टाइपेंड बढ़ाना शासन के जिम्मे है, इसमें वे कोई निर्णय नहीं कर सकते हैं।
गौरतलब हो कि स्टाइपेंड बढ़ाकर सातवां वेतनमान दिए जाने, डाक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराने, स्वास्थ्य का बजट बढ़ाने, सीसीयू समेत ट्रामा सेंटर में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड की तैनाती करने , सभी वार्डों में सीसीटीवी कैमरा लगाने , स्टाॅफ की कमी दूर करने जैसी कई मांगों को लेकर जूनियर डाक्टर आंदोलनरत हैं। (हि.स.)।