मुंबई, (mediasaheb.com) शत्रुघ्न सिन्हा और राज बब्बर, दोनों ने फिल्मी पारी खेलकर राजनीति के मैदान का रुख किया, लेकिन दोनों की पार्टियां अलग अलग थीं। शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा की नैया पर सवार हुए, तो राज बब्बर को मुलायम सिंह यादव की साइकिल की सवारी रास आई। उस दौर में जब शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा की ओर से दिल्ली में कांग्रेसी प्रत्याशी राजेश खन्ना के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो इस बात को लेकर बड़ा मुद्दा बना था कि एक ही समुदाय के सितारों को एक दूसरे से नहीं टकराना चाहिए। शत्रुघ्न सिन्हा भी इस सिद्धांत को टुकड़ों में मानते रहे। उन्होंने इसी तर्ज पर सुनील दत्त के खिलाफ भाजपा की ओर से प्रचार नहीं किया, क्योंकि सुनील दत्त बालीवुड से हैं। उधर, राज बब्बर जब तक सपा में थे, तब तक वे कांग्रेस के नेता के तौर पर सुनील दत्त की खिलाफत कर चुके थे। यहां तक कि वे सपा के लिए सुनील दत्त के खिलाफ प्रचार भी कर चुके थे। उस वक्त नैतिकता के नाम पर शत्रुघ्न सिन्हा ने राज बब्बर की जमकर खिंचाई की थी। वैसे भी राज बब्बर और शत्रुघ्न सिन्हा कभी एक मंच पर नजर नहीं आए।
ये बात अलग है कि राज बब्बर ने शत्रुघ्न सिन्हा की कंपनी में बरसों पहले कोयला खदान पर बनी फिल्म कालका में काम किया था। राजनैतिक स्तर पर दोनों की विचारधारा अलग थी और निजी स्तर पर भी दोनों एक दूसरे को लगभग नापसंद करते आए थे। किसी ने नहीं सोचा था कि वक्त का पहिया कुछ ऐसा घूमेगा कि राज बब्बर और शत्रुघ्न सिन्हा एक ही पार्टी की नैया पर सवारी करेंगे। इस समय दोनों कांग्रेस पार्टी में हैं और दोनों ही चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों को स्टार कैंपेनर का दर्जा हासिल है, इस नाते दोनों अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार जरुर करते हैं, लेकिन एक दूसरे के लिए नहीं। कांग्रेस के लोग कहते हैं कि पटना साहिब में प्रचार के लिए राज बब्बर का नाम था, लेकिन शत्रुघ्न नहीं माने। अब ये रिश्ता इसलिए दिलचस्प हो गया है कि शत्रु की पत्नी पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुकी हैं और कहा जा रहा है कि लखनऊ से वे गृहमंत्री राजनाथ सिंह का मुकाबला करेंगी। राज बब्बर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और लखनऊ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में आचार्य प्रमोद की उम्मीदवारी का एलान राज बब्बर के प्रताप का नतीजा माना जा रहा है। एक ही पार्टी के दो स्टार नेता कांग्रेस को फायदा कितना पंहुचाएंगे, ये नहीं कहा जा सकता, लेकिन पुरानी शत्रुता नुकसान कितना करेगी, इसका अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है। हि स