बैंकाक, (mediasaheb.com) थाइलैंड में गैरअधिकारिक रूप से चुनाव परिणाम की घोषणा किए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शिनावात्रा समर्थित पार्टी समेत सात दलों ने सेना समर्थित सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ एक डेमोक्रेटिक फ्रंट का गठन किया है। इस फ्रंट ने संसद के निचले सदन में बहुमत होने का दावा भी किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, फ्रंट के नेताओं ने कहा कि देश में पांच साल के सैन्य शासन के बाद फ्रंट बनाने की कोशिश करना उनका अधिकार है।
हालांकि उनके पास अभी प्रधानमंत्री चुनने लायक बहुमत नहीं है। सत्ताधारी मिलिटरी जंता द्वारा निर्मित संसदीय नियमों के मुताबिक, किसी भी दल या गठबंधन को प्रधानमंत्री चुनने के लिए संसद के संयुक्त सदनों में बहुमत होना जरूरी है। यही वजह है कि रविवार को हुए चुनाव का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है। सत्ताधारी जंता किसी भी कीमत पर पूर्व सेनाध्यक्ष और तख्तापलट के मुखिया प्रयुत चान ओचा को प्रधानमंत्री बनाना चाहती है। हालांकि प्रयुत की पार्टी 97 सीटों के साथ दूसरे नम्बर पर है, लेकिन उच्च सदन में जंता बहुमत में है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चुनाव बाद बने राजनीतिक गतिरोध से देश में तनाव उत्पन्न हे सकता है, क्योंकि देश नए राजा के मई महीने में ताजपोशी की तैयारी कर रहा है। इस बीच विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार सुदारत केयुरफान ने संवाददाताओं से कहा है कि विपक्षी गठबंधन को निचले सदन में कम से कम 255 सीटें मिलेंगी। विदित हो कि साल 2014 में सैन्य तख्तापलट के जरिए सुदारत को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सीट के हिसाब से वैध मतों की संख्या की घोषणा की जाएगी और इसी के आधार पर निचले सदन में 150 सीटों का आवंटन दलों के बीच होगा। इसके बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि किस दल को कितनी सीटें मिली हैं।(हि.स.)।