प्रदेश सरकार राजनीतिक टकराव और किसानों के साथ अन्याय करने से बाज आए
रायपुर ( mediasaheb.com) । भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने धान खरीदी को लेकर प्रदेश की नित-नई बहानेबाजी पर निशाना साधा है। श्री चंद्राकर ने कहा कि केन्द्र सरकार की सेंट्रल पूल में चावल लेने की रजामंदी के बावजूद प्रदेश सरकार किसानों के साथ अन्याय करने से बाज नहीं आ रही है।
भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष श्री चंद्राकर ने कहा कि धान खरीदी के मुद्दे पर केन्द्र सरकार के साथ टकराव पर आमादा प्रदेश सरकार यह बात अच्छी तरह समझ ले कि केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार शुरू से किसानों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण रखकर काम करती रही है। सेंट्रल पूल में 24 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति केन्द्र सरकार के इसी संवेदनक्षम दृष्टिकोण का परिचायक है, लेकिन प्रदेश सरकार किसानों का पूरा धान 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदने से बचने के लिए केन्द्र सरकार की पहल के बावजूद अब भी बहानेबाजी और अड़ियल रूख का प्रदर्शन कर रही है। श्री चंद्राकर ने कहा कि किसानों को उनका पूरा धान 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से तत्काल भुगतान करना अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और यह काम राज्य सरकार बिना किसी बहानेबाजी और राजनीतिक टकराव के करे।
भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष श्री चंद्राकर ने कहा कि केन्द्र सरकार को किसान विरोधी बताने वाली प्रदेश सरकार और कांग्रेस पहले अपने किसान विरोधी राजनीतिक चरित्र को देखे, जो किसानों से किया वादा पूरा करने के बजाय राजनीतिक नौटंकी कर रही है। कांग्रेस सरकार इस वादाखिलाफी के चलते प्रदेश के अन्नदाता किसान आज भी अपना धान बेचने के लिए रोज परेशान हो रहे हैं। रोज नए-नए नियमों परेशान किसान अब भुइयां पोर्टल को रकबे का आधार बनाने से खासे चिंतित हैं। एक 11 हेक्टेयर रकबे के किसान का रकबा अब सिर्फ एक रकबा बताया जा रहा है और किसान रिकॉर्ड दुरुस्त कराने परेशान है। अब उसने आत्मदाह तक की चेतावनी दी है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि इतनी जलालत और परेशानियां प्रदेश के किसानों ने पहली बार झेली है। यह कांग्रेस का शर्मनाक किसान विरोधी चरित्र है। प्रदेश सरकार को अब केन्द्र सरकार की पहल के बाद किसानों के प्रति अपने अन्यायपूर्ण अड़ियल रवैये से बाज आकर वादे के मुताबिक अपनी घोषित कीमत के तत्काल भुगतान के साथ किसानों का पूरा धान खरीदना चाहिए, अन्यथा भाजपा किसानों के साथ सड़क पर उतरकर इस अन्याय का विरोध करेगी।