नई दिल्ली इस्लामाबाद, (mediasaheb.com) यह सर्वविदित है कि भारत में आतंक फैलाने के लिए आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का संरक्षण मिलता है। पिछले महीने पुलवामा में हुए हमले के पीछे भी इसी खुफिया एजेंसी का ही ही हाथ बताया जाता है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलवामा हमले की साजिश काफी पहलेे रची गई थी। कहा जा रहा है कि एसआई ने जैश-ए- मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क की संयुक्त बैठक करवाई थी जिसमें पुलवामा हमले की साजिश रची गई थी। इतना ही नहीं खुफिया एजेंसियों का दावा है कि पुलवामा हमले से एक महीने पहले मसूद अजहर ने तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क के आकाओं के साथ बैठक की थी।
इसी बैठक में तय हुआ था कि भारत में एक आत्मघाती हमला किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक बहावलपुर में हुई थी जहां जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का अड्डा है और वह वहीं से अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित करता है। सूत्रों के मुताबिक, बालाकोट के जिस आतंकी कैंप को भारत ने नष्ट किया है। वहां भी तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क के आतंकी जेईएम के आतंकियों के साथ प्रशिक्षण ले रहे थे।
खुफिया जानकारी के मुताबिक, साल 2001 के पहले जैश और तालिबानी आतंकी एक साथ अफगानिस्तान के तालिबान कैंप में प्रशिक्षण लेते थे। साल 2001 में तालिबान पर अमेरिकी हमला के बाद से ही बालाकोट में प्रशिक्षण शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि बालाकोट कैंप में जो आतंकी थे, उनमें से आधे को जेहाद के लिए कश्मीर भेजता था और शेष को अफगानिस्तान में भेजा जाता था। (हि.स.)।