जैसलमेर
जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत बासनपीर गांव में छतरी पुनर्निर्माण के दौरान उपजे तनाव के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल से जुड़े विभिन्न वीडियो फुटेज, चश्मदीदों के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की। अब तक इस मामले में कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि 10 जुलाई को पुराने रियासती योद्धाओं की स्मृति में बनाई जा रही छतरियों के पुनर्निर्माण को लेकर अचानक उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब बड़ी संख्या में ग्रामीण पुरुष, महिलाएं और बच्चे एकत्र होकर जोरदार विरोध करने लगे। ग्रामीणों ने निर्माण कार्य के विरोध में नारेबाजी करते हुए पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को घेरते हुए उन पर लाठियों और पत्थरों से हमला कर दिया। घटना के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए मौके पर तैनात अधिकारियों पर जानलेवा हमला और राजकार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल से जुड़े विभिन्न वीडियो फुटेज, चश्मदीदों के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की। अब तक इस मामले में कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि मामले की तह में जाकर की गई जांच में यह सामने आया कि पूरे घटनाक्रम के पीछे गांव का ही निवासी हासम खान मुख्य भूमिका में था। हासम खान ने ही ग्रामीणों को भड़काया और प्रशासन को भ्रमित करते हुए समुदाय विशेष के खिलाफ परिवाद प्रस्तुत किए, जिससे गांव का माहौल तनावपूर्ण हो गया। एसपी चौधरी के अनुसार हासम खान ने सोची-समझी साजिश के तहत दोनों पक्षों को भड़काने का कार्य किया। उसने पुलिस और प्रशासन को एकपक्षीय परिवाद देकर गुमराह किया और साथ ही ग्रामीणों को धार्मिक भावना से उकसाया। परिणामस्वरूप गांव में तनाव का माहौल बना और छतरी निर्माण कार्य के दौरान हिंसात्मक झड़प हुई।
पुलिस की जांच का दायरा सिर्फ हासम खान तक सीमित नहीं रहा। अब उसके पीछे की संभावित साजिशों और अन्य लोगों की भूमिका की भी गहनता से जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि हासम खान इस पूरे घटनाक्रम में सिर्फ मोहरा नहीं, बल्कि योजना का सूत्रधार था और अब पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि इसके पीछे किन-किन लोगों की भूमिका रही।
इसके अलावा अन्य उपद्रवियों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज, फोटो और स्थानीय इनपुट्स के आधार पर दबिशें दी जा रही हैं। पुलिस उन सभी लोगों को चिन्हित करने में लगी है, जिन्होंने इस हिंसा में भाग लिया और कानून व्यवस्था को बाधित किया। गांव में फिलहाल शांति का माहौल है और पुलिस द्वारा लगातार गश्त कर क्षेत्र में कानून व्यवस्था को कायम रखा जा रहा है। स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी प्रकार की अफवाह या उकसावे को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है।