मुंबई
भारतीय शेयर बाजार में कोहराम मचा है, पिछले 5 दिन से लगातार गिरावट जारी है. अचानक शुक्रवार को दोपहर 2 बजे के बाद सेंसेक्स में भूचाल आ गया. सेंसेक्स करीब 800 अंक लुढ़क गया, सेंसेक्स गिरकर 80,359.93 पर पहुंच गया. जबकि निफ्टी 24700 से नीचे फिसल गया है. निफ्टी में जोरदार 250 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई.
दरअसल, फॉर्मा और आईटी कंपनियों के शेयरों की जोरदार पिटाई हो रही है. H-1B वीजा फीस में बढ़ोतरी के असर से मौजूदा हफ्ता आईटी स्टॉक्स के लिए बेहद खराब रहा है. लगातार स्टॉक्स गिर रहे हैं, गुरुवार को देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS के शेयर फिसलकर 2900 से नीचे पहुंच गया है. जबकि इंफोसिस के शेयर 1450 से नीचे पहुंच गया है.
वहीं गुरुवार देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फार्मा समेत कई सेक्टर पर टैरिफ का ऐलान कर दिया. फार्मा पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है, जिससे आज भारतीय फॉर्मा कंपनियों में जोरदार बिकवाली हावी है. सन फॉर्मा के शेयर 3 फीसदी टूट चुका है. डॉ रेड्डी के शेयर में भी करीब 2 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. मुख्य तौर पर भारतीय बाजार में गिरावट के कारण अमेरिकी फैसले हैं, पहले अमेरिका ने H-1B वीजा को लेकर नियम बदला, और अब कई सेक्टर पर टैरिफ थोप दिया है. साथ ही अमेरिकी निवेशक भी लगातार भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं.
इस गिरावट के पीछे तीन मुख्य कारण माने जा रहे हैं:
1. फॉर्मा सेक्टर पर टैरिफ की चोट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रांडेड दवाओं के आयात पर 100% शुल्क लगाने की घोषणा की है. इसके अलावा, किचन कैबिनेट्स और बाथरूम वैनिटीज पर 50%, गद्देदार फर्नीचर पर 30%, भारी ट्रकों पर 25% शुल्क लागू करने की योजना है. ये नए शुल्क 1 अक्टूबर से लागू होंगे. इस ऐलान के बाद भारतीय फार्मा कंपनियों में बिकवाली का दबाव बढ़ गया. निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2 फीसदी से ज्यादा टूट गया.
2. आईटी शेयरों में लगातार कमजोरी
H-1B वीजा फीस में बढ़ोतरी होने से भारतीय आईटी सेक्टर पहले से ही दबाव में था, अब एक्सेंचर (Accenture) के कमजोर तिमाही नतीजों से मूड और बिगाड़ दिया. निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.3% तक की गिरावट आई. दूसरी वजह H-1B वीजा शुल्क में बढ़ोतरी का डर है, जिससे भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ सकती है.
3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
25 सितंबर को विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 4,995 करोड़ रुपये की निकासी की. इस महीने अब तक कुल 24,454 करोड़ रुपये की बिकवाली हो चुकी है. निवेशकों को लाभ वृद्धि (Earnings Growth) को लेकर भी चिंता है.
इसके अलावा टैरिफ फैसलों के बाद एशिया के शेयर बाजारों में भी गिरावट हावी है. जापान का निक्केई, चीन का CSI 300, हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स नीचे बंद हुए. अमेरिका के बाजार भी गिरावट में बंद हुए. इन वैश्विक नकारात्मक लहरों ने भारत के बाजार पर दबाव डाला.