भोपाल
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रदेश के 10 निजी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर की श्रेणी में शामिल किया है। इसमें तीन निजी विवि भोपाल के हैं।यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि निजी विश्वविद्यालयों को तय फार्मेट में प्रमाणित दस्तावेज समय-सीमा के भीतर जमा करने थे, लेकिन निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी कई विश्वविद्यालयों ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की।
इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए आयोग ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यूजीसी का कहना है कि निजी विश्वविद्यालयों को हर साल तय फार्मेट में प्रमाणित दस्तावेज जमा करना होता है।
इसमें दाखिले से संबंधित विवरण, डिग्री की मान्यता, शैक्षणिक गतिविधियां और फैकल्टी की स्थिति शामिल होती है, लेकिन इन विश्वविद्यालयों ने ऐसा नही किया।
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों की आधिकारिक वेबसाइटों की जांच की। पाया गया कि कई विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट को समय पर अपडेट नहीं कर रहे हैं।
वहां पाठ्यक्रम, मान्यता, फैकल्टी, फीस संरचना और प्रशासनिक विवरण उपलब्ध नहीं थे। यूजीसी ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय अब भी नियमों का पालन नहीं करते, तो उनके खिलाफ बड़ी कार्यवाही की जाएगी।
इसमें विश्वविद्यालय की मान्यता निरस्त करने से लेकर प्रवेश प्रक्रिया रोकने तक के कदम उठाए जा सकते हैं। इससे निजी विश्वविद्यालयों में हड़कंप मच गया है। कई विवि अब जल्दबाजी में अपनी वेबसाइट और दस्तावेज अपडेट करने की तैयारी में जुट गए हैं।
सूची में इन विश्वविद्यालयों का नाम
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी भोपाल
जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भोपाल
शुभम यूनिवर्सिटी भोपाल
एलएन विद्यापीठ यूनिवर्सिटी इंदौर
मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी सीहोर
आर्यावर्त यूनिवर्सिटी सीहोर
डॉ. प्रीति ग्लोबल यूनिवर्सिटी शिवपुरी
ज्ञानवीर यूनिवर्सिटी सागर
महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय जबलपुर
महाकौशल यूनिवर्सिटी जबलपुर