भोपाल
मध्य प्रदेश के 35 से अधिक जिलों में मानसून विदाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब अधिकांश शहरों में मौसम शुष्क और साफ नजर आ रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले 36 घंटों में प्रदेश से मानसून पूरी तरह विदा हो जाएगा. कुछ जगहों पर केवल हल्की बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है. वहीं, जोरदार बारिश के बाद अब दिन में चटक धूप खिल रही है और शाम होते ही गुलाबी ठंडक का अहसास होने लगा है. इस बार ठंड की शुरुआत सामान्य से कुछ जल्दी हो गई है और संभावना है कि दीपावली तक लोग गर्म कपड़ों का सहारा ले लें.
17 साल में अक्टूबर में तेज ठंड
राजधानी भोपाल में पारा अक्टूबर में 18 डिग्री तक गिर गया है, जो पिछले 17 वर्षों में पहली बार हुआ है. पचमढ़ी के मुकाबले राजगढ़ और इंदौर शहरों में तापमान अधिक ठंडा महसूस हो रहा है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को पचमढ़ी का न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि राजगढ़ में 14.5 डिग्री, इंदौर में 15.5 डिग्री और खंडवा में 17 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. भोपाल में भी न्यूनतम पारा 18 डिग्री तक गिरा है.
गुना में हुई सबसे ज्यादा बारिश
मानसून सीजन के दौरान इस साल गुना जिले में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई. मंडला और रायसेन में 62 इंच से अधिक, जबकि श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से अधिक बारिश हुई. इसके विपरीत, सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर (28.9 इंच), खरगोन (29.6 इंच), खंडवा (32 इंच), बड़वानी (33.5 इंच) और धार (33.6 इंच) शामिल हैं.
पहाड़ों की बर्फबारी से बदली हवा का रुख
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते हवा का रुख उत्तरी दिशा की ओर से ठंडा हो गया है। इसी वजह से मध्यप्रदेश में तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में सुबह-शाम की ठंडक और बढ़ सकती है।
40 से ज्यादा जिलों से लौट चुका है मानसून
राज्य में मानसून की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार तक भोपाल, इंदौर, धार, बुरहानपुर, खंडवा, सीहोर, सागर, रायसेन, हरदा, विदिशा, नर्मदापुरम और बैतूल समेत 40 से अधिक जिलों से मानसून विदा हो चुका है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सिंगरौली, सीधी, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों से भी अगले 2 दिन में मानसून की पूरी तरह से विदाई हो जाएगी।
पूर्वी जिलों में अभी बनी रहेगी बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वी मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में अभी हल्की बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है। आने वाले तीन दिनों तक बालाघाट, मंडला, सिवनी और उमरिया जिलों में बादल छाए रहेंगे। शेष जिलों में मौसम साफ रहेगा।
इस सीजन में गुना रहा सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला
मानसूनी सीजन के दौरान इस साल गुना जिले में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं, मंडला और रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से अधिक बारिश हुई।
सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर (28.9 इंच), खरगोन (29.6 इंच), खंडवा (32 इंच), बड़वानी (33.5 इंच) और धार (33.6 इंच) शामिल हैं।
इंदौर संभाग की स्थिति में हुआ सुधार
मानसून की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश की स्थिति कमजोर थी, लेकिन सितंबर में तेज बारिश ने संतुलन बना दिया। इंदौर में अब सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया है, हालांकि उज्जैन में अभी भी औसत से कम वर्षा हुई है।
ग्वालियर-चंबल में जमकर बरसा मानसून
ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में इस बार मानसून सक्रिय रहा। यहां के सभी जिलों में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई। कई जगह बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी, खासकर छतरपुर, मंडला और उमरिया जिलों में।
अक्टूबर में मौसम का पुराना रिकॉर्ड
भोपाल में अक्टूबर का औसत अधिकतम तापमान 32.7°C और न्यूनतम 19.1°C रहता है। वर्ष 2012 में तापमान रिकॉर्ड 38°C तक पहुंच गया था।
इंदौर में 22 अक्टूबर 1999 को रात का तापमान 6.2°C दर्ज हुआ था, जो अब तक का सबसे ठंडा रिकॉर्ड है।
ग्वालियर में 27 अक्टूबर 1994 को 40.1°C तक तापमान पहुंचा था।
जबलपुर में 30 अक्टूबर 1952 को न्यूनतम तापमान 10.5°C रहा था।
उज्जैन में 29 अक्टूबर 1983 को न्यूनतम 8.1°C और 2002 में दिन का तापमान 39°C दर्ज हुआ था।
अब गुलाबी ठंड का इंतजार
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले सप्ताह में मध्यप्रदेश में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी। उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाएं लगातार सक्रिय हैं। इससे सुबह और देर शाम सर्दी का अहसास और बढ़ जाएगा।
तीन दिन तक पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी का अनुमान मौसम विभाग ने अगले 3 दिन तक पूर्वी हिस्से के जिलों में बूंदाबांदी होने का अनुमान जताया है। बाकी जिलों में मौसम साफ रहेगा। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि 14 अक्टूबर को कहीं-कहीं बारिश होने के आसार है। शुक्रवार को पूर्वी हिस्से के तीन जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है।
इंदौर संभाग की तस्वीर भी सुधरी इस मानसूनी सीजन में शुरुआत से ही इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं रही। एक समय तो इंदौर में प्रदेश की सबसे कम बारिश हुई थी। ऐसे में अटकलें थीं कि क्या इस बार इंदौर में सामान्य बारिश भी होगी? लेकिन सितंबर महीने में तेज बारिश की वजह से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। संभाग के सभी जिलों में भी बारिश की बेहतर तस्वीर हो गई। दूसरी ओर, उज्जैन जिले में अब भी कोटा पूरा नहीं हुआ। सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर पहले नंबर पर है।
ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं।