नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शनिवार को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और न्यूयॉर्क शहर के मेयर ज़ोहरान मामदानी के बीच हुई मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। न्यूयॉर्क मेयर चुनाव से पहले ट्रंप और मामदानी दोनों ने एक-दूसरे पर खूब निशाना साधा था, लेकिन वाइट हाउस में शुक्रवार को हुई उनकी मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही। मुलाकात के एक वीडियो क्लिप पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा कि लोकतंत्र को ऐसे ही काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत में इस तरह का माहौल देखना पसंद करेंगे।
थरूर ने एक्स पर लिखा, "चुनावों में अपने दृष्टिकोण के लिए जोश के साथ लड़ें। बिना किसी अलंकारिक रोक के विरोध किया। लेकिन एक बार जब चुनाव खत्म हो जाए और जनता अपना फैसला सुना चुकी हो तो उस राष्ट्र के सामान्य हित में एक-दूसरे के साथ सहयोग करना सीखें। जनता की सेवा करने के लिए आप दोनों प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने आगे कहा कि वह भारत में भी यही समीकरण तैयार करने के लिए अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं।
ट्रंप ने की मेयर मामदानी की तारीफ
ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा कि मुलाकात बहुत ही उत्पादक रही और उम्मीद जताई कि न्यूयॉर्क को एक महान मेयर मिलेगा। ट्रंप ने मामदानी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि डेमोक्रेट नेता अच्छा काम करेंगे और कुछ रूढ़िवादी लोगों को आश्चर्यचकित करेंगे।
जब एक रिपोर्टर ने मामदानी से पूछा कि क्या वह इस बात की पुष्टि करेंगे कि ट्रंप फासीवादी हैं तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने मजाकिया लहजे में कहा कि मेयर हां में जवाब दे सकते हैं। ट्रंप ने कहा, "यह ठीक है। आप कह सकते हैं। यह समझाने से आसान है। मुझे कोई आपत्ति नहीं है।"
आपको बता दें कि थरूर की कुछ टिप्पणियों ने अतीत में कांग्रेस पार्टी के भीतर हलचल पैदा कर दी थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करना था। एक्स पर एक पोस्ट में थरूर ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रामनाथ गोयनका व्याख्यान एक आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक आह्वान दोनों के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि बुखार और खांसी से जूझने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान दर्शकों में शामिल होकर खुशी हुई।
उनके इस बयान से उनकी अपनी पार्टी के भीतर तीखी आलोचना हुई। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उन्हें पाखंडी कहा, जबकि सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि उन्हें पीएम के भाषण में प्रशंसा के योग्य कुछ भी नहीं मिला।


