जैसलमेर
जैसलमेर के बासनपीर जूनी क्षेत्र में संभावित अशांति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन धारा 163 लागू की है। सभी तरह के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। पोस्टर-बैनर चिपकाने या नारेबाजी पर भी प्रतिबंध है। इस संबंध में बुधवार को जैसलमेर के उपखंड मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी किया। बासनपीर जूनी क्षेत्र में 10 जुलाई को दो समुदायों के बीच विवाद हुआ था। बासनपीर में एक स्कूल के पास छतरी निर्माण के दौरान कथित तौर पर कुछ लोगों ने पथराव किया था। आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने महिलाओं को आगे करते हुए पथराव किया था। इस घटना से वहां तनाव पैदा हुआ।
फिलहाल तनापूर्ण हालातों के बीच आगे कोई विवाद न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जिला प्रशासन ने आशंका जताई है कि बासनपीर जूनी गांव में उत्पन्न तनाव की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उक्त क्षेत्र में असामाजिक तत्वों की ओर से कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश की जा सकती है, जिससे जन साधारण की सुरक्षा और शांति को खतरा पैदा हो सकता है।
जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, “बासनपीर जूनी की सीमा के भीतर कोई व्यक्ति किसी भी तरह का हथियार लेकर सार्वजनिक स्थलों पर लेकर नहीं घूमेगा। न ही बासनपीर जूनी की सीमा में किसी भी प्रकार की सभा, रैली, जुलूस और प्रदर्शन बिना पूर्व सक्षम अनुमति के निकाले जाएंगे। सिख समुदाय के व्यक्तियों को उनकी धार्मिक परंपरा के अनुसार नियमान्तर्गत निर्धारित कृपाण रखने की छूट रहेगी।
आदेश में कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगाएगा और न ही इस प्रकार का भाषण देगा। कोई भी व्यक्ति बिना पूर्व अनुमति के लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करेगा। किसी भी स्थान पर एक समय में 5 या 5 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं रहेंगे।” जिला प्रशासन की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करेगा तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के प्रावधानों के अंतर्गत अभियोग चलाए जा सकते हैं।