ढाका
बांग्लादेश में तारिक रहमान ने हीरो जैसी एंट्री की है। गुरुवार को उनके समर्थन में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी। उन्होंने भी मां, माटी और मानुष वाला संदेश देने की कोशिश की। बांग्लादेश की जमीन पर पहुंचकर वह नंगे पैर खड़े हुए, मां खालिदा जिया से मुलाकात की और बांग्ला मानुष के लिए भविष्य की योजनाओं को लेकर बात की। तारिक रहमान का बांग्लादेश के उन दो परिवारों में से एक से नाता रहा है, जो देश की राजनीति की धुरी रहे हैं। उनमें से एक परिवार की नेता शेख हसीना इन दिनों भारत में शरण लिए हुए हैं। वहीं दूसरा परिवार बेगम खालिदा जिया का है, जो फिलहाल बीमार चल रही हैं। तारिक रहमान उनके ही बेटे हैं।
तारिक के पिता जिया उर रहमान भी पीएम रह चुके हैं। रहमान की कहानी भी कम रोचक नहीं है। वह 2008 में उस वक्त लंदन निकल गए थे, जब उन्हें जेल से बेल पर रिहाई मिली थी। इसी दौरान वह मौका देखकर लंदन के लिए निकल गए थे। वह जिया उर रहमान और खालिदा जिया के सबसे बड़े बेटे हैं। खालिदा जिया 1991 में देश की पहली महिला पीएम बनी थीं। लेकिन तारिक रहमान के राजनीति में चर्चे तब शुरू हुए, जब 2001 से 2006 के बेगम खालिदा जिया के दौर में उन पर भ्रष्टाचार, हिंसा जैसे आरोप लगे थे। इसी बीच उनकी मां की सत्ता से 2006 में विदाई हो गई थी और सैन्य समर्थन वाली केयरटेकर सरकार आई थी, जिसने उनके खिलाफ जांच की।
आर्मी ने देर रात को किया था तारिक रहमान को अरेस्ट
मार्च 2007 में तारिक रहमान को आर्मी यूनिट्स ने अरेस्ट कर लिया था। उन्हें उनके ढाका स्थित लग्जरी घर से निकालकर देर रात में ले जाया गया था। कई महीनों के बाद वह बेल पर रिहा हुए थे और फिर इलाज कराने के नाम पर लंदन चले गए और वहां से लौटे ही नहीं। फिर वह सीधे गुरुवार को ही ठीक 17 साल के बाद वापस लौटे। रहमान और बीएनपी की ओर से लगातार कहा जाता रहा है कि उनके ऊपर आरोप राजनीतिक थे, लेकिन विपक्ष से अलग भी ऐसे लग रहे हैं, जो उन पर संदेह करते रहे हैं।
विकिलीक्स के खुलासों में तारिक रहमान पर क्या कहा गया था
यहां तक कि 2011 में आए विकिलीक्स के खुलासों में भी तारिक रहमान को लेकर दावा किया गया था कि वह हिंसा को बढ़ावा देने वाले और मनमाने ढंग से सत्ता चलाने वाले शख्स हैं। हालांकि अब उन्हें बांग्लादेश में नए तेवरों के साथ पेश किया जा रहा है। उनकी हीरो जैसी एंट्री हुई है और आने वाले पीएम के तौर पर उन्हें देखा जा रहा है। तारिक रहमान ने भी इस मौके को खूब भुनाया है। उन्होंने आते ही इमोशनल बातें की हैं और बांग्लादेश में हिंसा को खत्म करने की बात कही है। हालांकि यह देखना होगा कि सत्ता हासिल करने के बाद उनका रुख क्या होगा।


