सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. सोमवार के दिन अमावस्या का पड़ना बहुत दुर्लभ होता है. अगर सोमवार के दिन अमावस्या तिथि होती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं. वैसे तो सोमवार के दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही मान्यता है कि अमावस्या पर स्नान-दान करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती हैं. वहीं पिंडदान करने पर पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे सभी ग्रह दोष समाप्त होते हैं.
सोमवती अमावस्या तिथि
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी. वहीं तिथि का समापन 27 मई को शाम 54 बजकर 27 मिनट पर होगा. ऐसे में सोमवती अमावस्या 26 मई को है.
सोमवती अमावस्या स्नान दान का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन स्नान दान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 3 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. वहीं दूसरा मुहूर्त सुबह 4 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.
इन चीजों का दान करने से मिलेगा पुण्य
सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए वस्त्र, मिठाई तथा किसी गरीबों को भोजन का दान करना चाहिए. इसके अलावा चावल, दूध मिश्री, चीनी या अन्य सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना लाभदायक हो सकता है.