उद्योग और रोजगार वर्ष की थीम पर मनाया जाए प्रदेश का स्थापना दिवस : मुख्यमंत्री डॉ.यादव
आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए हुए प्रयासों को प्रमुखता से करें प्रदर्शित
एक नवम्बर को राज्य उत्सव के रूप में मनेगा स्थापना दिवस
राजधानी के साथ संभाग और जिला स्तर पर भी हों भव्य कार्यक्रम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 1 नवंबर मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह के संबंध में दिए निर्देश
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 1 नवंबर मध्यप्रदेश स्थापना दिवस उद्योग एवं रोजगार वर्ष की थीम पर मनाया जाए। आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश को लेकर हुए नवाचारों और विशेष गतिविधियों का प्रभावी रूप से प्रस्तुतीकरण किया जाए। 'रोजगार के मंदिर हैं उद्योग' की थीम के साथ कौशल उन्नयन, तकनीकी शिक्षा, उद्यमशीलता के विकास सहित युवाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता से जोड़ने वाली सभी गतिविधियों का स्थापना दिवस संबंधी कार्यक्रमों में प्रभावी और आकर्षक प्रस्तुतीकरण किया जाए। साथ ही प्रदेश में धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन गतिविधियों से अर्थव्यवस्था में आई गतिशीलता पर भी प्रस्तुतीकरण हों। स्थापना दिवस पर बीते दो वर्षों में हुए नवाचारों को भी प्रदर्शित किया जाए। स्थापना दिवस को राज्य उत्सव के रूप में मनाया जाए। भोपाल में होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम के साथ सभी जिला और संभागीय मुख्यालयों पर भी भव्य कार्यक्रम आयोजित हों। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 1 नवंबर मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह के संबंध में मंत्रालय में सोमवार को हुई बैठक में यह निर्देश दिए।
प्रसिद्ध पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल एक नवम्बर को देंगे प्रस्तुति
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश स्थापना दिवस 1 नवंबर को भोपाल में होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रसिद्ध पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल प्रस्तुति देंगे। लाल परेड ग्राउंड में होने वाले इस कार्यक्रम में कृष्ण के भक्ति पदों की प्रस्तुति के साथ ही विरासत से विकास की थीम पर ड्रोन-शो होगा। साथ ही आतिशबाजी भी होगी। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर दो और तीन नवंबर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लाल परेड ग्राउंड पर महानाट्य -सम्राट विक्रमादित्य की प्रस्तुति होगी। साथ ही दो एवं तीन नवम्बर को सुगम संगीत की प्रस्तुतियां भी होंगी।
औद्योगिक विकास और अर्थव्यवस्था की उपलब्धियां भी होंगी प्रदर्शित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्थापना दिवस समारोह की गतिविधियों में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों के हितग्राहियों को भी शामिल किया जाए। उनके सम्मेलन और रैलियां आयोजित हों। साथ ही जिलों में प्रमुख उद्योगपतियों और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले व्यक्तियों और समूहों की उपलब्धियों को भी शामिल किया जाए। प्रदेश के सभी अंचलों में समान रूप से गतिविधियां हों, हर जिला अपनी प्रगति और उपलब्धियों जिला स्तर पर प्रस्तुत करे। साथ ही स्व-सहायता समूह और आईटीआई, पॉलिटेक्निक सहित अन्य संस्थाओं द्वारा युवाओं, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों, कृषक संगठनों द्वारा किसान कल्याण के लिए संचालित गतिविधियों के प्रदर्शन को भी समारोह का हिस्सा बनाया जाए।
विभिन्न विषयों पर प्रदर्शनियों के साथ लगेगा देशज व्यंजनों का मेला
बैठक में बताया गया कि स्थापना दिवस पर जननायकों के जीवन और अवदान पर भोपाल और जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इसके साथ 'एक जिला-एक उत्पाद', सम्राट विक्रमादित्य और अयोध्या, सम्राट विक्रमादित्य के सील और सिक्के, मंदिर स्थापत्य तथा भारतीय ऋषि परम्परा पर प्रदर्शनियों को आयोजन किया जाएगा। इसी क्रम में एक से 3 नवम्बर तक वन मेला, ड्रोन टैक वर्कशॉप और एक्सपो, मध्यप्रदेश की पारंपरिक कला प्रदर्शनी, प्रदेश में विरासत से विकास, प्रदेश की बावड़ियों, भोज और भोपाल आदि विषय पर प्रदर्शनी और देशज व्यंजनों का मेला भी आयोजित किया जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव संजय दुबे, नीरज मंडलोई, संजय शुक्ला, शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार राम तिवारी उपस्थित थे।