सागर
मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी भावांतर योजना के तहत किया जाना है. पहली बार भावांतर योजना से सोयाबीन की खरीदी को लेकर किसानों के मन में तरह-तरह की आशंकाएं हैं. इन सब आशंकाओं को ध्यान रखते हुए कलेक्टर संदीप जी आर ने जिले की सभी कृषि मंडियों में तत्काल सीसीटीवी कैमरे लगाने और स्मार्ट सिटी के सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर से मॉनीटरिंग किए जाने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को तत्काल सीसीटीवी लगाने को कहा.
गड़बड़ी करने वालों पर सख्त होगी कार्यवाही
भावांतर योजना के तहत पहली बार सोयाबीन की खरीदी हो रही है. जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं और आशंकाएं किसानों ने समय-समय पर कलेक्टर के समक्ष अपनी बात रखी. इन बातों को ध्यान रखते हुए कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा है कि, ''किसानों की सुविधा के लिए भावांतर योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है. योजना के तहत किसानों को कोई समस्या का सामना न करना पड़े और समय पर सोयाबीन का खरीदी के साथ सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सके, इसके लिए सभी कृषि मंडियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहे और गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.''
किसान सोयाबीन लेकर मंडी आएं
कलेक्टर संदीप जी आर ने किसानों से अपील की है कि, वह अपने सोयाबीन की उपज को बेंचने के लिए कृषि उपज मंडियों में पहुंचे और भावांतर योजना के अंतर्गत फसल बेंचे. समय-समय पर किसानों ने अपनी आशंकाओं और समस्याओं के बारे में बताया था. जिनको लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाएं करने की कोशिश की है. पात्र किसानों ने पंजीयन कराये जाने के बाद भावांतर योजना के माध्यम से खरीदी शुरू हो चुकी है. किसान मंडी में अपना पंजीयन क्रमांक, आधार क्रमांक लेकर आए.
क्या है भावांतर योजना
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने के लिए भावांतर योजना शुरू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनके उत्पाद, खासकर सोयाबीन, का सही मूल्य मिले. केंद्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5328 प्रति क्विंटल तय किया है. यानी किसानों को उनकी उपज का इतना दाम तो निश्चित रूप से मिलेगा ही. अब तक 61,970 किसान इस योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. पहले सरकार गेहूं और अन्य फसलों के किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के प्रयास कर चुकी है, और अब विशेष ध्यान सोयाबीन उत्पादक किसानों पर दिया जा रहा है ताकि उन्हें बाजार में उचित लाभ मिल सके.


